मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग के द्वार

आगामी लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले, कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी के घोषणापत्र की तुलना मुस्लिम लीग से करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग (ईसी) का रुख किया। एक्स को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और प्रधानमंत्री के खिलाफ दो सहित छह शिकायतें पेश कीं और उन पर बहस की। उन्होंने कहा कि शिकायत प्रधानमंत्री के बेतुके दावे के खिलाफ दर्ज की गई है कि कांग्रेस न्याय पत्र देश को विभाजित करने और मुस्लिम लीग की स्वतंत्रता-पूर्व विचारधारा को लागू करने का प्रयास कर रही है।

जयराम रमेश ने कहा कि यह चुनाव आयोग के लिए सभी दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करके अपनी स्वतंत्रता प्रदर्शित करने का समय है। हम इस उम्मीद में रहते हैं कि माननीय आयोग अपने संवैधानिक जनादेश को बरकरार रखेगा। अपनी ओर से, हम इस शासन को बेनकाब करने के लिए राजनीतिक और कानूनी सभी रास्ते अपनाना जारी रखेंगे। 

कांग्रेस के घोषणा पत्र पर वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सहारनपुर में मुस्लिम लीग को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। बिहार के नवादा में नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि आम चुनाव के लिये पार्टी की ओर से जारी घोषणापत्र में ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ की बू आ रही है और ये ऐसा है मानो इसे मुस्लिम लीग लेकर आई है।

पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की आलोचना करने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। मोदी जी के भाषणों में आरएसएस की बू आती है। दिन पर दिन भाजपा की चुनावी हालत इतनी खस्ता होती जा रही है कि आरएसएस को अपने पुराने मित्र – मुस्लिम लीग – की याद सताने लगी है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिन्ना की मुस्लिम लीग से समझौता किया। कांग्रेस ने कभी कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और जसवन्त सिंह ने पाकिस्तान जाकर जिन्ना की तारीफ की। किसी कांग्रेसी नेता ने ऐसा नहीं किया। 

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