हमारा भी मान-सम्मान है

 पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दिए अपने बयान पर दुख जताया है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नोटिस जारी करने पर अपने बयान से यू टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि सीएम के प्रति मेरे मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं है। अगर किसी को मेरी भाषा और शब्दों से दिक्कत हुई है तो मैं दुख प्रकट करता हूं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि टीएमसी के नेता भी हमारे नेता सुवेंदु अधिकारी के पिता और परिवार पर गलत टिप्पणी करते हैं तो उसका क्या? वो भी हमारे नेताओं को गाली देते हैं। क्या हमारा कोई मान-सम्मान नहीं है?

दिलीप घोष ने कहा कि हमारे भी नेताओं के पिता के बारे में लोग बात करते हैं तो क्या उनका कोई सम्मान नहीं है? सुवेंदु अधिकारी पुरुष हैं, इसलिए कोई कुछ नहीं बोलता है, लेकिन खुद के ऊपर आता है तो महिला कार्ड लेकर सामने आ जाते हैं। मैं पार्टी को जवाब दूंगा।इससे पहले, दुर्गापुर में बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि ‘दीदी’ जब गोवा जाती हैं तो खुद को गोवा की बेटी कहती हैं, जब त्रिपुरा जाती हैं तो कहती हैं त्रिपुरा की बेटी हैं। वे पहले अपने पिता की पहचान करें।

दिलीप घोष के बयान के बाद बंगाल का सियासी पारा हाई हो गया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को शिकायत की है। दिलीप घोष खुद हताश हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी भाजपा और नई भाजपा की जो लड़ाई है, उसमें नई भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर पुरानी सीट से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया है। कुणा ने कहा कि घोष में पार्टी का विरोध करने का दम नहीं है। उन्होंने हताशा में ममता बनर्जी के खिलाफ बयान दिया है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

दिलीप घोष के बयान पर TMC नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि हम इसकी चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे। उन्हंने चुनाव आयोग के नियमों का उन्होंने उल्लंघन किया है। हम सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रुकने वाले नहीं है।क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद ने कहा कि जिस तरह से दिलीप घोष ने ममता दीदी पर अभद्र तरीके से टिप्पणी किया, उससे एक नारी का अपमान हुआ है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। आजाद ने कहा कि दिलीप घोष की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वे किसी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाए। इससे पहले भी वे मां दुर्गा के बारे में अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं।

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