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वाराणसी में जी-20 संस्कृति कार्य-समूह की चौथी बैठक शुरू, भाग ले रहे 170 प्रतिनिधि

वाराणसी। जी-20 संस्कृति कार्य-समूह की चौथी बैठक गुरूवार से यहां विधिवत शुरू हो गई है। नदेसर स्थित तारांकित होटल ताज में बैठक का उद्घाटन संस्कृति मंत्रालय के अफसरों के साथ संयुक्त सचिव लिली पांडे और जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने दीप जलाकर संयुक्त रूप से की।

बैठक के उद्घाटन सत्र में विदेशी मेहमानों को वाराणसी के इतिहास की जानकारी सांस्कृतिक मंत्रालय के अधिकारी ने दी। और शहर के सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को भी बताया गया। बैठक में भारत की संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी भी भाग लेगी। बैठक में जी-20- देशों, 9 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लगभग 170 प्रतिनिधि शामिल है। पहले दिन चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रगति के सिलसिले में सामूहिक कार्यों में तेजी लाना होगा। इसके जरिये सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्स्थापना, एक सतत भविष्य के लिए मौजूदा विरासत का उपयोग, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाने आदि पर प्रतिनिधि मंथन कर रहे है।

संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव लिली पांडे के अनुसार खजुराहो, भुवनेश्वर और हम्पी में पूर्व में होने वाली तीन सीडब्लूजी बैठकों तथा चार वैश्विक विषयगत वेबिनारों की सफलता के क्रम में सीडब्लूजी की चौथी बैठक वाराणसी में हो रही है। इस बैठक का लक्ष्य नीति-निर्माण के केंद्र में संस्कृति को रखकर कारगर परिणामों को प्राप्त करना है। सीडब्ल्यूजी के बैठक में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विशेषज्ञ-संचालित वैश्विक विषयगत वेबिनार के विचारों और सिफारिशों को ‘जी-20 कल्चरः शेपिंग दी ग्लोबल नैरेटिव फॉर इंक्लूसिव ग्रोथ’ (जी-20 संस्कृति: समावेशी विकास के लिए वैश्विक विमर्श को आकार देना) नामक एक व्यापक रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

इस रिपोर्ट को भारत की जी-20 अध्यक्षता में संस्कृति कार्य- समूह द्वारा संस्कृति मंत्रियों की बैठक के एक भाग के रूप में वाराणसी में जारी किया जाएगा। इस वैश्विक बैठक में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी भी शामिल होंगे। अंतिम दिन शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस वैश्विक बैठक में शामिल होंगे।

गौरतलब हो कि बैठक के माध्यम से देश की संस्कृति के साथ ही क्षेत्रीय नृत्य, संगीत, खान-पान, क्षेत्रीय कला का पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई जाएगी। बैठक के दौरान कथक, क्षेत्रीय संगीत ताल तराना के अलावा सुर सुधा बैंड की लाइव प्रस्तुति होगी।

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