केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में भारत में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट लाइसेंस देने के संदर्भ में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने यह कहा कि सरकार स्टारलिंक के लिए लाइसेंस देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए एक प्रमुख शर्त है कि स्टारलिंक को भारत की सुरक्षा और नियामक शर्तों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
स्टारलिंक के लिए शर्तें:
सिंधिया ने कहा कि भारत में स्टारलिंक जैसी उपग्रह इंटरनेट सेवाओं को लाइसेंस तभी मिलेगा जब वह सुरक्षा और नियामक मानदंड पूरे करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपग्रह इंटरनेट सेवा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा न पहुंचाए, और डेटा और साइबर सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टारलिंक को सभी उपग्रह प्रदाताओं के लिए लागू एक ही मानक प्रक्रिया का पालन करना होगा।
केंद्रीय मंत्री का बयान:
सिंधिया ने कहा कि “भारत में काम करने के लिए, स्टारलिंक को एक स्थापित प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें डेटा और साइबर खतरों के खिलाफ सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना शामिल है।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का लाइसेंसिंग प्रक्रिया सख्त होगी और यह राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
सिंधिया ने यह भी कहा कि, एक बार जब सभी शर्तों और सुरक्षा मानकों को पूरा कर लिया जाएगा, तो भारत सरकार स्टारलिंक का स्वागत करेगी और उसे सेवा प्रदान करने की अनुमति देगी। यह भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, खासकर दूरदराज और कनेक्टिविटी से वंचित क्षेत्रों में।
सिंधिया ने यह भी जोर दिया कि भारत की सुरक्षा और नियामक मानदंड बहुत सख्त हैं और इनका पालन करना सभी उपग्रह इंटरनेट प्रदाताओं के लिए अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और डेटा सुरक्षा के लिए कड़े उपायों को लागू करना है। इस संदर्भ में, सरकार के मानदंड एकदम स्पष्ट और कड़े होंगे ताकि कोई भी सेवा भारत के साइबर और सुरक्षा परिदृश्य को कमजोर न करे।
भारत में स्टारलिंक के संचालन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारत सरकार स्टारलिंक और अन्य सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाताओं के लिए सुरक्षा और नियामक दृष्टिकोण में सख्त नियम लागू करेगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि एलन मस्क की कंपनी को भारत में अपनी सेवा शुरू करने से पहले सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा, जिसमें सुरक्षा मानक और नियामक प्रक्रिया को पूरा करना शामिल है। इस कदम से भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार हो सकता है, खासकर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में, जहां ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी अभी तक सीमित है।