चंद्रताल लेक को कहा जाता है मून लेक

आप में से अधिकतर लोग शिमला, मनाली, कसोल और कसौली जैसी जगहों को एक्सप्लोर कर चुके होंगे। ऐसे में अगर आप भी हिमाचल प्रदेश की भीड़भाड़ वाली जगहों को छोड़कर सुकून और ऑफबीट प्लेसेस को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो स्पीति वैली की एक जगह आपके लिए परफेक्ट है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं चंद्रताल लेक की। जिसको ‘मून लेक’ भी कहा जाता है। हिमाचल की स्पीति घाटी में 4,300 मीटर की ऊंचाई पर यह स्थित है। अगर आप नेचर के खूबसूरत और मनमोहक नजारों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो चंद्रताल लेक आपके लिए बेस्ट है।

यहां पर बर्फ से ढके पहाड़ और खूबसूरत नजारे इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। अगर आप एडवेंचर लवर हैं, तो आपको यहां पहुंचकर काफी मजा आएगा। हालांकि यहां पर पहुंचना भी किसी एडवेंचर से कम नहीं है। दिल्ली से चंद्रताल लेक तक बाय रोड दो रास्ते हैं। पहला रास्ता मनाली से और दूसरा रास्ता शिमला से होकर जाता है। ऐसे में आपको तय करना है कि आपको किस ओर से चंद्रताल लेक जाना है।

यह रास्ता दिल्ली से शुरू होता है और नारकंडा की तरफ जाता है। यहां से फिर आप कल्पा जा सकते हैं और काजा और नाको की यात्रा कर सकते हैं। स्पीति घाटी में आप एक छोटा सा ब्रेक लेने के बाद चंद्रताल लेक की ओर जा सकते हैं। आप शिमला से किन्नौर तक और फिर स्पीति घाटी की ओर जा सकते हैं। स्पीति घाटी पहुंचने के बाद आप चंद्रताल लेक पहुंच सकते हैं। अगर आप चंद्रताल लेक के लिए छोटा रास्ता चाहते हैं, तो मनाली मार्ग आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। वहीं अगर आप दिल्ली से जाने का प्लान कर रहे हैं, तो आप मंडी, रोहतांग ला, कुल्लू, ग्रैम्फू और बट्टल से होकर यहां तक पहुंचेंगे।

मनाली और काजा के बीच सुबह-सुबह दो बसें चलती हैं। बस सुबह 04:30 बजे कुल्लू से चलती है और मनाली ले जाती है। यहां से काजा का टिकट मुश्किल से 250 रुपए प्रति व्यक्ति पड़ता है। एक बार जब आप शाम तक चंद्रताल डायवर्जन पॉइंट पर उतर जाते हैं, तो यहां से अपना रास्ता हाइकिंग के जरिए पूरा कर सकते हैं।

चंद्रताल झील घूमने का सही समय जून से सितंबर के बीच होता है। अगर आप सर्दियों के मौसम में यहां पर ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो यह सही समय नहीं है। क्योंकि यहां पर बर्फ से सड़कें जाम रहती हैं। वहीं मई के महीने में बर्फ साफ होने लगती है। यहां पर जून से सितंबर तक सड़क खुली रहती हैं और मौसम सुहावना रहता है।

Related Articles

Back to top button