
विटामिन डी कम खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इस वजह से इसकी कमी का खतरा ज्यादा होता है। धूप न लेने से यह खतरा अत्यधिक हो जाता है। शरीर में कई सारे विटामिन काम करते हैं। यह एनर्जी और न्यूट्रिशन का सोर्स होते हैं, जो सेल्स को फंक्शन करने में मदद करते हैं। सोचने से लेकर चलने तक हर बॉडी फंक्शन में इनकी जरूरत होती है। ऐसा ही एक जरूरी विटामिन डी है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। आजकल ज्यादातर लोगों में इसकी कमी देखी जाती है।
विटामिन डी क्या है? यह एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है। एनएचएस बताता है कि यह शरीर के अंदर कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा रेगुलेट कर सकता है। हड्डियों, दांत, मसल्स, इम्यून सिस्टम की मजबूती और विकास के लिए इस पोषक तत्व की आवश्यकता होती है।धूप में अभ्यंग करने पर स्किन मेंविटामिन डी का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है।
इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमलेसिया और रिकेट्स जैसी बीमारियाँ हो सकती है। डिप्रेशन व मेंटल डिजीज के मरीजों में भी इसकी कमी देखी जाती है। साथ ही यह इम्यून सिस्टम का फंक्शन कमजोर कर देता है, जिससे बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।