रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. एक ओर जहां लगातार देश में ट्रेन की कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है, ट्रेन में मिल रही सुविधाओं को वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर यात्रियों को रेल स्टेशन में एयरपोर्ट जैसी सुविधा का लाभ मिले, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार काम कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देश पर रेल मंत्रालय लगातार रेलवे स्टेशनों को कायाकल्प कर वर्ल्ड क्लास बनाने में जुटी हुई हैं.
अमृत भारत स्टेशन के तहत देश के 554 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होने जा रहा है. सभी स्टेशन चिन्हित कर लिए गए हैं. 26 फरवरी को प्रधानमंत्री के स्टेशनों के रिडेवलपमेंट के काम का शिलान्यास किए जाने के साथ ही देश को एक वर्ल्ड रिकार्ड हासिल हो जाएगा. इसमें 27 राज्य और यूटी के स्टेशन शामिल हैं. इससे पूर्व भी मंत्रालय ने 508 रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का काम शुरू कराया है, जिनका पर काम तेजी से चल रहा है.
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक 554 रेलवे स्टेशनों में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन एंट्री, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, लिफ्ट, पार्किंग क्षेत्रों में सुधार, प्लेटफार्म कवर में वृद्धि और एस्केलेटर के अलावा स्वच्छता, मुफ्त वाई-फाई, स्थानीय लोगों के लिए कियोस्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल है. इसमें शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों के स्टेशन शामिल हैं.
योजना के तहत सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 73, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र 56 और तीसरे नंबर गुजरात के स्टेशन शामिल हैं. इसके अलावा प्रमुख राज्यों में बिहार और मध्य प्रदेश के 33-33, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के 21-21, झारखंड के 27, हरियाणा 15, पंजाब और उत्तराखंड के तीन-तीन, हरियाणा और हिमाचल के एक-एक रेलवे स्टेशन का रिडेवलपमेंट किया जाएगा.रिडेवलप होने वाले स्टेशनों में उत्तर प्रदेश में मेरठ सिटी, मऊ, गोंडा, मलहौर, भटनी, बिहार में बरौनी,सिवान, मुंगेर, मध्य प्रदेश में जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, खंडवा,बीना और राजस्थान में अजमेर, पाली मरवार,संगनेर और धौलपुर रेलवे स्टेशन शामिल हैं.
पूर्व में 508 स्टेशनों को रिडेवलप को किया जा रहा है. इसमें सबसे अधिक स्टेशन दो राज्यों के हैं. इनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55 स्टेशनों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात के और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशनों को शामिल किया गया है. इसके अलावा अन्य राज्यों के कुछेक स्टेशन हैं.