
वॉशिंगटन। भारत की आर्मी ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं। भारत सरकार ने कहा है कि सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ये कार्रवाई की है। बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाकर उन्हें अंजाम दिया गया था। इस कार्रवाई के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर और दोनों देशों की तनातनी पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है। रूस, अमेरिका, चीन, इजराइल, संयुक्त राष्ट्र और यूएई ने बयान दिए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री का ऑपरेशन सिंदूर पर बयान आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को शर्मनाक स्थिति बताते हुए उम्मीद जताई कि जल्दी ही चीजें सामान्य हो जाएंगी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। वॉशिंगटन शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों देशों के साथ बातचीत जारी रखेगा।
चीन ने भारत के पाकिस्तान पर किए गए मिसाइल हमलों पर चिंता जताते हुए दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं, हम दोनों से शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देने और संयमित रहने की अपील करते हैं। हम ऐसी कार्रवाई से बचने का आह्वान करते हैं, जो स्थिति को और जटिल बनाए।
इजरायल ने इस मुद्दे पर भारत का खुलकर साथ दिया है। भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने लिखा कि हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का हम समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से छिपने की कोई जगह नहीं है, वो बच नहीं पाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत की सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर चिंतित हैं। हम दोनों देशों से सैन्य संयम बरतने का आह्वान करते हैं। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव नहीं झेल सकती है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह किया है। यूएई के विदेश मामलों के उप-प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि कूटनीति और बातचीत संकटों को शांतिपूर्वक हल करने और शांति का रास्ता निकालने का सबसे प्रभावी तरीका है।
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव को लेकर उनका देश चिंतित है। उन्होंने कहा कि मॉस्को दोनों पक्षों से स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए संयम बरतने का आह्वान करता है। रूस ने इससे पहले पहलगाम हमले की कड़ी निंदा भी की है।
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