गुरूदासपुर पंजाब। मां लड़की तलाश रही थी, बेटे के माथे पर सेहरा बांधने की तैयारी में थी, लेकिन बेटा तिरंगे में लिपटकर आया तो मां का दिल टूट गया। बेटे का पार्थिव शरीर देखकर मां की चीख निकल गई। मां को रोते बिलखते देख लोगों का कलेजा मुंह हो गया। पंजाब के गुरदासपुर के गांव भैणी का रहने वाला भारतीय सेना का जवान गुरप्रीत सिंह (24) शुक्रवार को बलिदान हो गया।
सैन्य सूत्रों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकियों की तलाश करते समय गुरप्रीत सिंह बलिदान हुआ। गुरप्रीत अपनी टीम के साथ गुलमर्ग इलाके में बर्फीली पहाड़ियों पर गश्त कर रहा था। इस दौरान गुरप्रीत का पांव फिसल गया और वह गहरी खाई में गिर गया। इससे पहले की गुरप्रीत के साथी उसे खाई से निकाल पाते, उसकी मौत हो चुकी थी। गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर उसके घर भेज दिया गया है।
गुरप्रीत सिंह अपने घर में इकलौता कमाने वाला था। पूरे घर की जिम्मेदारी गुरप्रीत के कंधों पर ही थी, लेकिन छोटी उम्र में ही जवान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वह अपने पीछे पिता नरिंदर सिंह मां लखविंदर कौर और छोटे भाई हरप्रीत सिंह को छोड़ गए हैं। जैसे ही गुरप्रीत के शहीद होने की खबर गांव में और घर पहुंची तो मातम पसर गया।
गुरप्रीत के पिता नरिंदर सिंह के अनुसार, गुरप्रीत 6 साल पहले सेना की 73 फील्ड रेजिमेंट में भर्ती हुआ था। अगस्त 2023 में ही उसने जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में नई पोस्टिंग पर जॉइन किया था। इससे पहले वह वीनागुड़ी वेस्ट बंगाल में तैनात था। 45 दिन छुट्टी के बाद घर से ड्यूटी पर गया तो सीधा जम्मू कश्मीर गया था।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, इन दिनों बॉर्डर पर दुश्मन देश पाकिस्तान की हरकतें काफी बढ़ गई हैं। पिछले कई दिनों से बॉर्डर पर पाकिस्तान की आरे के जंगलों में आग लगी है, जिसके चलते बॉर्डर पर हाईअलर्ट है।