प्रयागराज। महाकुंभ के आयोजन में सरकार मेला क्षेत्र में शिविरों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें शौचालय, पीने का पानी और बिजली जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल हैं। इन सुविधाओं के सही तरीके से वितरण और उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए मेला प्राधिकरण ने एक पारदर्शी सत्यापन प्रक्रिया शुरू की है।
यह सत्यापन प्रक्रिया मेला के दौरान तीन अलग-अलग समयों में की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी शिविरों और संस्थाओं को आवश्यक सुविधाएं सही तरीके से मिल रही हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से मेला प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें और महाकुंभ के आयोजन में कोई असुविधा न हो।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए हैं कि मेला के दौरान तीन बार सत्यापन किया जाए। पहला सत्यापन 12 जनवरी से 4 फरवरी तक, दूसरा सत्यापन 5 फरवरी से 12 फरवरी तक और तीसरा सत्यापन 13 फरवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस सत्यापन में शिविरों द्वारा दी जा रही सेवाओं जैसे कल्पवासियों की संख्या, भंडारों में उपस्थित लोग, प्रवचन की संख्या, आगंतुकों की संख्या और शिविर की अवधि का विवरण जुटाया जाएगा
सत्यापन के दौरान हर संस्था से जुड़े विवरण सॉफ्टवेयर में फीड किए जाएंगे। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि संस्थाओं को जो सुविधाएं दी गई हैं। उनका उपयोग सही तरीके से किया जा रहा है। इसके अलावा यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी कि अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कार्य पूर्ण किया गया है और भुगतान की प्रक्रिया नियमानुसार की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को भव्य और सुव्यवस्थित बनाना है, ताकि हर शिविर में भाग ले रहे कल्पवासी, आगंतुक और धर्म प्रेमी को सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकें।