आरबीआई ने लगाया बैंकों पर भारी जुर्माना

नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने नियामकीय अनुपालन में कुछ खामियों के लिए कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक पर बैंक लोन वितरण के लिए ऋण प्रणाली पर दिशानिर्देश के अलावा लोन और एडवांस, वैधानिक और अन्य प्रतिबंध पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए 61.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि केवाईसी के कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर 38.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

इसके अलावा बैंकों में ग्राहक सेवा पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। तीनों मामलों में रिजर्व बैंक ने कहा कि यह जुर्माना नियामकीय अनुपालन में खामियों पर आधारित है तथा इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय देना नहीं है।

इससे पहले, रिजर्व बैंक ने अहमदाबाद स्थित ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया था। रिजर्व बैंक के मुताबिक इसके पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि गुजरात सहकारी समितियों के पंजीयक को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से केवल 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि पर बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। रिजर्व बैंक ने आगे कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.51 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

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