26 नवंबर 2024 को भारत के संविधान को अपनाए हुए 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, और यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इस विशेष अवसर पर, “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान की शुरुआत की गई है, जो न केवल संविधान के महत्व को पुनः रेखांकित करता है, बल्कि भारतीय नागरिकों के बीच संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
यह अभियान भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित है और इसे एक वर्ष तक चलाने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य हर भारतीय नागरिक में संविधान के प्रति गर्व और आत्मसम्मान की भावना को जागृत करना है। साथ ही, यह नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी देने का काम करेगा।
इस अभियान के तहत कई कार्यक्रम, कार्यशालाएँ, और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, जिनमें स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों और सामाजिक संगठनों को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही, संविधान के मूल सिद्धांतों— जैसे समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र— को प्रमोट करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी, जो भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोहों की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को सेंट्रल हॉल में संबोधित करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संविधान दिवस समारोह में शामिल होंगे, जो भारत के संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने का प्रतीक है।
भारत का संविधान, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में तैयार किया गया था, न केवल भारतीय जनता के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र के मूल्यों की भी गहरी अभिव्यक्ति है। भारतीय संविधान में 450 से अधिक धाराएँ, 12 भाग, और 22 भागों में विभाजित 395 अनुच्छेद शामिल हैं, जो भारतीय समाज के प्रत्येक पहलू को छूते हैं, चाहे वह नागरिक अधिकार हो, राज्य का संगठन हो, या न्याय का ढाँचा।
इस 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हमारा संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है, जो हमें अपनी विविधता, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें संविधान के मूल सिद्धांतों और उसकी शक्ति से जोड़ता है।
इस अभियान के माध्यम से, हम भारतीय संविधान को न केवल याद करेंगे, बल्कि उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाकर उसकी शक्ति को आगे बढ़ाएंगे। यह अवसर हमें अपने कर्तव्यों को समझने और उनका पालन करने की प्रेरणा देगा, ताकि हम एक सशक्त और समृद्ध लोकतंत्र की दिशा में निरंतर अग्रसर हो सकें।