नेशनल ग्रिड से शहर के बढ़े लोड को मैनेज करने की तैयारी 

लखनऊ। भारत और पाकिस्तान में बिगड़ते हालात के बीच शहर में ब्लैकआउट की जरूरत पड़ी तो लेसा इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। अफसरों का कहना है कि पांच मिनट के अंदर पूरे शहर की बिजली गुल कर दी जाएगी। इस दौरान इंडिया का नेशनल ग्रिड शहर के बढ़े हुए लोड को मैनेज करेगा। इसकी तैयारी के लिए यूपीपीसीएल प्रबंधन ने मुख्य अभियंताओं के साथ बैठक की। इसमें 33 केवी उपकेंद्रों से सीधे बिजली बंद करने की रणनीति बनाई गई। इसका जिम्मा उपकेंद्र के ऑपरेटरों को सौंपा जाएगा। एमवीवीएनएल के तकनीकी निदेशक हरीश बंसल ने बताया कि लेसा किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सभी इंजीनियरों को पता है कि ऐसी स्थिति में क्या करना है।

बैठक में तय हआ कि हर सर्किल में उपकेंद्र ऑपरेटरों का वॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाएहगा। इसमें अधीक्षण अभियंता के एक मेसेज पर ऑपरेटर एक मिनट के में 33 केवी पैनल से बिजली सप्लाई बंद कर देंगे। लखनऊ सेंट्रल जोन के मुख्य अभियंता रवि अग्रवाल ने बताया कि इंडिया का वन नेशन वन ग्रिड है। बिजली बंद करने पर यह लखनऊ का दो जीबी गीगा तक लोड सहन कर लेगा।

लेसा के इंजीनियरों ने बताया कि ब्लैकआउट के दौरान ऐसे लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है जिनके घरों और कारखानों में ऑटोमोड पर जनरेटर व इनवर्टर लगे हैं, जो बत्ती गुल होते ही उजाला कर देते हैं। ऐसे जेनरेटर और इनवर्टर को ऑटो मोड से हटाना बेहतर रहेगा।

मेडिकल संस्थान और अस्पताल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। केजीएमयू में 50 बेड रिजर्व करने के साथ सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। लोहिया संस्थान ने क्विक रिस्पांस टीम गठित की है। दस बेड रिजर्व करने के साथ ही शनिवार से ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे। सरकारी अस्पतालो में भी रैपिड रेस्पांस टीम (आरआटी) को एक्टिव मोड में कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी आशंका नहीं बल्कि सतर्कता के मद्देनजर इंतजाामों को और पुख्ता किया गया है।

केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान में खास तौर से गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू और एचडीयू बेड आरक्षित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ऑक्सीजन, दवाओं से लेकर अन्य सभी इंतजाम भी पुख्ता किए गए हैं। ब्लड बैंकों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि हाईऐस्ट लेवल ऑफ अलर्ट पर निर्देश दिए गए हैं। फेकेल्टी एलर्ट मोड पर रहेगी। सभी की छुट्टी कैंसल कर दी गई है। कोई भी डॉक्टर फिलहाल शहर से बाहर नहीं जाएगा। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता प्रो.भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि क्विक रिस्पांस टीम गठित करते हुए डॉ. सुनील सिंह को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। ट्रांसफ्यूजन टीम से ब्लड और इकट्ठा करने को कहा गया है। इसके लिए डोनेशन कैंप लगाए जाएंगे।

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि रैपिड रेस्पांस टीम गठित करते हुए एमएस डॉ. हिमांशु दीक्षित को नोडल अफसर बनाया गया है। वहीं, सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक डॉ. एसआर सिंह की अगुवाई में रैपिड रेस्पांस टीम बनाई गई है। लोकबुंध अस्पताल में डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी और डॉ. एसके सिंह को नोडल बनाया गया है।

रैपिड रेस्पांस टीम में ऑर्थोपेडिक सर्जन, ऑर्थोपेडिक फीजिशियन, एनिस्थिसिया विशेषज्ञ, सीनियर फीजिशियन, सीनियर फॉरमेसिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, आउटडोर और इनडोर ईमओ, पीडियाट्रिशियन समेत 14 का स्टाफ होता है। सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच युद्ध जैसे हालात बनने से लोगों में खानपान की चीजों को लेकर भी चिंता बढ़ने लगी है। ऐसे में लोग सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा स्टॉक खरीद रहे हैं। मांग बढ़ने का दामों पर भी असर पड़ा है, हालांकि फिलहाल ज्यादा बढ़त नहीं हुई है।

जानकारों के अनुसार पूरे देश और प्रदेश के साथ ही राजधानी में भी खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। शहर के कारोबारियों के पास इतना स्टॉक है कि आने वाले लंबे समय तक आपूर्ति में कोई कमी नहीं आएगी। इसके साथ ही लोगों से अनावश्यक खरीद से बचने का आह्वान भी किया गया है। व्यापारियों का कहना है कि भंडारण से बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा और दाम भी बढ़ सकते हैं।

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा के अनुसार यह समय घबराने का नहीं बल्कि देश के साथ मजबूती से खड़ा रहने का है। कोल्ड स्टोरेज में इतना माल है कि साल भर तक आराम से आपूर्ति हो सकती है। किसी भी हालात में खाद्यान्न संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही जरूरी है कि लोग अनावश्यक खरीद बचें और केवल जरूरत के अनुसार ही सामान खरीदें। इससे डिमांड और सप्लाई में संतुलन बना रहेगा और महंगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता के अनुसार जिस तरह सेना देश के लिए मजबूती से खड़ी हैं वैसे ही व्यापारी सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है। देश एवं प्रदेश में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। बाजारों में भरपूर मात्रा में सभी वस्तुएं उपलब्ध हैं और सरकार के पास भी पर्याप्त भंडारण हैं। ऐसे में किसी को भी आवश्यकता से अधिक स्टॉक करने की जरूरत नहीं है। कोविड काल की तरफ व्यापारी केवल ही आपूर्ति बनाए ही नहीं रखेंगे, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर लोगों के घरों तक सामान पहुंचाएंगे।

लखनऊ दाल ऐंड मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण अग्रवाल ने बताया कि दालों के दाम काफी समय से न्यूनतम स्तर पर थे। इधर खरीद बढ़ने से मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उसका सीमा पर तनाव या उपलब्धता से कोई लेना देना नहीं है। दालों से लेकर चावल तक का पर्याप्त स्टॉक है। किसी को अनावश्यक रूप से खरीदकर एकत्र करने की जरूरत नहीं है। पाण्डेयगंज लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने भी बताया कि दाल और चावल का काफी अच्छा स्टॉक है। महाराष्ट्र से भी नया माल जा चुका है।

लखनऊ किराना कमिटी के महामंत्री प्रशांत गर्ग ने बताया कि भले ही छुआरा, अंजीर, मुनक्का, पिस्ता आदि के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन स्टॉक में कोई कमी नहीं है। हालांकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने के कारण आयात में कमी हुई है, लेकिन विकल्प तलाश लिया जाएगा। तब तक के लिए काफी माल मौजूद है। सहालग में भी कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जरूरत बस इस बात की है कि लोग अनावश्यक स्टॉक न करें।

लखनऊ किराना कमिटी के कोषाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि भारत से मसालों का निर्यात पाकिस्तान को होता था। अब निर्यात रोक दिया है। ऐसे में मसालों का स्टॉक बढ़ने से कीमतें कम होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल की नरही इकाई महामंत्री अनिल अग्रवाल ने बताया कि शहर के व्यापारियों के पास तेल, घी और रिफाइंड का भरपूर स्टॉक है। सप्लाई चेन भी बड़ी होने से कमी का कोई सवाल ही नहीं उठता। युद्ध जैसे हालात में सबका फर्ज है कि देश के साथ खड़े हों। व्यापारी भी कम से कम मुनाफे पर वस्तुएं उपलब्ध करवाएंगे।

रकाबगंज के फुटकर किराना व्यापारी मनीष अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल बाजार में पैनिक जैसी स्थिति नहीं है। ज्यादातर लोग सामान्य रूप से ही खरीदारी कर रहे हैं। केवल दस फीसदी लोग ऐसे हैं जो सामान्य से ज्यादा सामान खरीद रहे हैं। इसके साथ ही लोग उपलब्धता के बारे में भी पूछ रहे हैं। पर्याप्त स्टॉक की जानकारी होने पर पूरी जागरूकता दिखा रहे हैं।

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