राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अभिनेत्री-राजनेता खुशबू सुंदर ने हाल ही में मुंबई के एक चौराहे से ‘छोटे बच्चों’ से खरीदे गए फूलों के गुलदस्ते की एक तस्वीर पोस्ट की। जैसे ही उन्होंने उन फूलों को अपनी कार के अंदर रखा, उन्होंने सोचा कि कैसे पीएम मोदी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। लेकिन खुश्बू के पोस्ट ने ट्रोलिंग को आमंत्रित किया कि खुशबू ने एक आधिकारिक पद पर होने के बावजूद पीएम मोदी की प्रशंसा के साथ बाल श्रम की घटना को छुपाने की बात कही जाने लगी।
बाद में बीजेपी नेता ने माफी मांगी और कहा कि उन्हें बाल श्रम के पहलू को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए था। पहले ट्रोल्स से भिड़ने के बाद खुशबू ने कहा, किसी भी बच्चे को अपनी या परिवार की सुरक्षा के लिए सड़कों पर नहीं निकलना चाहिए। कल मुंबई में फूल बेचने वाली एक बच्ची के बारे में मेरा ट्वीट बहुत ही सकारात्मक संदर्भ में किया गया था। खुश्बू ने कहा कि वह अपनी शिक्षा में मदद कर रही थी और भीख मांगने तक ही सीमित नहीं थी। मुझे एहसास है कि यह बाल श्रम के बराबर है।
एक बच्चे को बहुत सुरक्षित और खुशहाल माहौल में बड़ा होने की जरूरत है। स्वस्थ मानसिकता और पालन-पोषण के लिए स्कूल में रहें और खेलें। मुझे उस बच्चे में देखा जिसकी आँखें और चाल आत्मविश्वास और साहस की बात करती थी। मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। गलत संदेश भेजने के लिए मैं आपसे क्षमा चाहती हूं।