
नोएडा। नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद के लोगों को सफर में सहूलियत दिलाने के लिए बनाए जा रहे भंगेल एलिवेटेड रोड को मई अंत तक शुरू करने के दावे की हवा निकल गई है। दस मई को इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के निरीक्षण और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से बात करने के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि काम पूरा होने में अभी कम से कम दो महीने और लगेंगे।
उम्मीद है कि सब कुछ ठीक से चला तो जुलाई या अगस्त में एलिवेटेड रोड को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। प्रॉजेक्ट लेट होने का कारण बजट की कमी बताया जा रहा है। बता दें कि अप्रैल में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि एलिवेटेड रोड को मई अंत तक खोल दिया जाएगा। यहां तक कि उद्घाटन के लिए सीएम से समय मांगने की बात भी सामने आई थी।
दादरी-सूरजपुर-छलेरा (DSC) रोड के ऊपर 5.5 किमी लंबी भंगेल एलिवेटेड रोड का काम जून 2020 में शुरू हुआ था। नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के बीच सफर करने वालों को जाम से राहत व एनसीआर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इसे डिजाइन किया गया। 6 लेन की एलिवेटेड रोड DSC रोड पर अगाहपुर को नोएडा स्पेशल इकॉनमी जोन से भी जोड़ेगी।
निर्माण शुरू होने के साथ ही बजट पहला रोड़ा बना। शुरू में 468 करोड़ रुपये के बजट के साथ अनुमोदित इस एलिवेटेड रोड की लागत अब बढ़कर 608 करोड़ रुपये हो गई है। हाल के दिनों में इसके काम ने रफ्तार पकड़ी है। बताया जा रहा है कि जिस गति से इसका निर्माण चल रहा है, उस तरह जारी रहा तो भी कम से कम दो महीने और लगेंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक संदीप गुप्ता ने बताया कि बरौला क्रॉसिंग (भंगेल से बरौला साइड) के पास 9 पिलर पर 60 मीटर स्टील गर्डर रखने का काम एक महीने पहले शुरू हुआ है। इसे एक हफ्ते में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद गर्डर पर डेक-स्लैब बिछाने का काम होगा। इसके भी पूरा होने में कम से कम एक महीने का समय लगेगा।
इस प्रॉजेक्ट की परिकल्पना 2013 में की गई थी। जून 2020 में 468 करोड़ रुपये के बजट के साथ इसे लॉन्च किया गया। यूपी ब्रिज कॉरपोरेशन को दिसंबर 2022 में काम पूरा करना था, जिसे बाद में दिसंबर 2023 तक का विस्तार दिया गया। इसके बाद नई समय सीमा 31 दिसंबर, 2024 रखी गई। निर्माण के दौरान परियोजना का बजट खत्म हो गया, जिससे बजट संशोधित कर 608 करोड़ रुपये कर दिया गया। इसके अलावा अगाहपुर से भंगेल की ओर नियोजित मार्ग पर दो इमारतों के अवरोध के कारण 90 मीटर के हिस्से की चौड़ाई आधा मीटर कम कर दी गई।