धरती को हरा-भरा बनाएं : सीएम योगी

प्रयागराज। मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव-जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। प्रलय की प्रतीक्षा न करें, बल्कि अभी से धरती को हरा-भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में ‘कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन’ सम्मेलन की शुरुआत करने के बाद कहीं। योगी ने दिल्ली में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्हें धारा का अविरल जल मिल रहा है। वे अपने अनुभव गांव लौटकर पड़ोसियों व अन्य लोगों से साझा कर रहे हैं। तभी बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था उनमें से कई जलवायु परिवर्तन सूखती जा रही हैं। अनुमान लगाइए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गईं तो शरीर का क्या हाल होगा?

सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्हें धारा का अविरल जल मिल रहा है। वे अपने अनुभव गांव लौटकर पड़ोसियों व अन्य लोगों से साझा कर रहे हैं। तभी बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था उनमें से कई जलवायु परिवर्तन सूखती जा रही हैं। अनुमान लगाइए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गईं तो शरीर का क्या हाल होगा?

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ पौधे लगाए हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई गई है। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। कई नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा रहे इसको भी सुनिश्चित किया गया है।

योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे? क्या नदियों पर कब्जा करना और उन्हें प्रदूषित करने पर रोक लगा पाएंगे? वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी? क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने से हम भी सहभागी बन सकें।

योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे? क्या नदियों पर कब्जा करना और उन्हें प्रदूषित करने पर रोक लगा पाएंगे? वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी? क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने से हम भी सहभागी बन सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है। एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग में अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और सभी आसानी से संगम में स्नान कर सकेंगे।

सीएम ने कहा, ऐसे ही जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं? इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यावहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इस अवसर पर जगद्‌गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्‌गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना और राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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