
नई दिल्ली। भारत को आईपीएल (IPL) 2025 के बीच एक बड़ा झटका लगा, जब नियमित कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट से संन्यास का एलान कर दिया। इसके बाद एक और रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि विराट कोहली ने भी टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला ले लिया है और बीसीसीआई (BCCI) को इसकी जानकारी दे दी है। हालांकि, बीसीसीआई भी उनके इस फैसले से हैरान रह गया और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। भारत को अगले महीने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेलनी है। बीसीसीआई चाहता है कि कोहली इस सीरीज में खेलें। हालांकि, अभी तक विराट की ओर से पुनर्विचार को लेकर कोई फैसला नहीं आया है। इसी कड़ी में हम आपको विराट के अलग-अलग रिकॉर्ड्स के बारे में बता रहे हैं। आज हम आपको उनकी कप्तानी के दौरान जीती गईं ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज के बारे में बता रहे हैं।
विराट कोहली 2014 में भारत के टेस्ट कप्तान बने थे। 2022 में उन्होंने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। तीन महीने के अंदर-अंंदर उन्होंने एक-एक करके तीनों फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी थी। विराट न सिर्फ एक बल्लेबाज के रूप में सुपरहिट रहे हैं, बल्कि एक कप्तान के रूप में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपनी कप्तानी में 68 में से 40 टेस्ट जीते हैं और इस तरह वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। वो पहले एशियाई कप्तान भी हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाकर उनके खिलाफ टेस्ट सीरीज अपने नाम की है।
साल 2018-19 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से जानी जाने वाली इस टेस्ट सीरीज में भारत ने कमाल का प्रदर्शन किया था। चार मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट भारत ने 31 रन से जीता था। हालांकि, दूसरे टेस्ट में उसे हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भारत ने तीसरा टेस्ट 137 रन से जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली और चौथा मैच ड्रॉ करा लिया। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहली टेस्ट सीरीज जीत ली। यह पहली बार था जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीती हो।
साल 2019 में भारतीय टीम ने विराट की कप्तानी में कैरिबियाई टीम को उसके घर में 2-0 से हराया था। दो मैचों की इस सीरीज में भारत ने सभी टेस्ट अपने नाम किए थे और दोनों मैच बड़े अंतर से जीता था। पहले मैच में भारत को 318 और दूसरे मैच में 257 रनों से जीत हासिल हुई थी। वेस्टइंडीज में यह भारत का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। इससे पहले भी भारत ने यहां टेस्ट मैच जीते थे, लेकिन जो दबदबा कोहली की टीम ने बनाया वो कभी नहीं था। कोहली की कप्तानी में एक नए आक्रामक टीम इंडिया की शुरुआत जो किसी से नहीं डरती।
2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने 3-0 से जीत दर्ज की थी। यह भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत में से एक थी। इस समय अफ्रीका की टीम बहुत मजबूत थी। उसमें डिविलियर्स, अमला और डुप्लेसिस जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी थे। इसके साथ ही यह अफ्रीकी टीम टेस्ट रैंकिंग में पहले नंबर पर थी। हालांकि, भारत ने 3-0 से अफ्रीका को हराकर उससे टेस्ट रैंकिंग में पहला पायदान छीन लिया था।
2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी भारत ने 3-0 से जीत दर्ज की थी। इस सीरीज में टीम इंडिया ने पहला मैच 321 रन के बड़े अंतर से जीता था। वहीं दूसरा मैच 178 और तीसरा मैच 197 रन के अंतर से जीता था। इस सीरीज में विराट कोहली ने बल्ले के साथ भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। कप्तानी के साथ-साथ एक बल्लेबाज के रूप में विराट का योगदान काफी अहम था। इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना जलवा दिखाया था और कोई दूसरा बल्लेबाज उनके आस-पास भी नहीं था।
कोहली की अगुआई में भारत ने इंग्लैंड को घर पर 4-0 से हराकर टेस्ट सीरीज में अपनी सबसे शानदार जीत दर्ज की। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने पूरी तरह दबदबा बनाया और इंग्लैंड को फुस्स साबित किया। राजकोट में पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था, तब ऐसा लगा कि एलिस्टेयर कुक की इंग्लैंड टीम 2012-13 वाले इरादे से आई है। हालांकि, इसके बाद कोहली की कप्तानी में भारत ने अपना पराक्रम दिखाया। विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट को भारत ने 246 रन से अपने नाम किया। इसके बाद मोहाली में तीसरा टेस्ट भारतीय टीम ने आठ विकेट से अपने नाम किया। भारत ने मुंबई में चौथा टेस्ट पारी और 36 रन से जीता। टीम इंडिया ने पांचवां टेस्ट पारी और 75 रन से जीतकर सीरीज का शानदार अंत किया और 4-0 से सीरीज अपने नाम की। साथ ही 2012-13 में अपने घर पर मिली सीरीज हार का बदला भी ले लिया।