दुनिया के लिए आदर्श मॉडल बना भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर

नई दिल्ली।  भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि वह अपने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को कृषि, लॉजिस्टिक्स, स्मार्ट सिटी और अन्य क्षेत्रों में विस्तार दे रहा है और यह सफलता पूरी दुनिया के साथ साझा करने को तैयार है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने डिजिटल क्षेत्र में भारत की नेतृत्व भूमिका और निवेश की सराहना की। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत की DPI सफलता की कहानी पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है।

उन्होंने कहा, “DPI नागरिकों को सशक्त करने, सुशासन और समावेशी, सतत विकास का माध्यम है। भविष्य केवल मशीनों से नहीं बनेगा, बल्कि इस बात से तय होगा कि हम तकनीक को मानवता की सेवा में कैसे लगाते हैं।” उन्होंने बताया कि भारत का अगला कदम DPI को और मजबूत बनाना है, जिसमें प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा, डिजिटल स्किलिंग, क्रॉस-बॉर्डर साझेदारी, सततता और लचीलापन शामिल होंगे। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) इसमें एक फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में कार्य करेगी।

जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत मानता है कि तकनीक का लोकतंत्रीकरण होना चाहिए। यह समावेशी, सुलभ और गरिमा से युक्त होनी चाहिए। यही भारत के DPI मॉडल का मूल है। “DPI कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि सबके लिए है। यह एक वैश्विक सार्वजनिक वस्तु है और आज दुनिया इसे समझ रही है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में 18 से अधिक देश भारत के DPI मॉडल को अपना रहे हैं या अपनाने की प्रक्रिया में हैं, जैसे सिंगापुर द्वारा UPI को अपनाना और सिएरा लियोन में डिजिटल ID का पायलट प्रोजेक्ट।

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