एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर भारत ने यह साबित कर दिया कि उनकी युवा और फिट टीम भविष्य में बड़ी सफलता प्राप्त कर सकती है। इस जीत से महिला हॉकी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वह अगले बड़े लक्ष्य, विश्व कप 2026 और ओलंपिक 2028, की ओर बढ़ रही है। इस जीत के साथ ही हरेंद्र सिंह और उनकी टीम का यह दृढ़ संकल्प है कि वे भारत को ओलंपिक के मंच पर एक नई पहचान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
भारत की युवा और फिट महिला हॉकी टीम ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब बरकरार रखकर “मिशन 2028 लॉस एंजिलिस” अभियान की शुरुआत की। यह जीत भारतीय हॉकी के लिए एक नया मोड़ है, खासकर तब जब पेरिस ओलंपिक में क्वालीफाई नहीं कर पाने का दुख उनके मन में था। इस जीत के साथ, भारतीय महिला टीम ने अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है, और यह उनके लिए भविष्य की बड़ी प्रतियोगिताओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की महिला टीम को हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में यह सफलता मिली है। हरेंद्र सिंह, जो 2016 में लखनऊ में पुरुष जूनियर टीम के साथ विश्व कप जीत चुके हैं, अब महिला टीम के कोच के रूप में नई शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने अप्रैल में टीम के साथ फिर से जुड़ने के बाद से लॉस एंजिलिस 2028 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के मिशन पर ध्यान केंद्रित किया है। उनके अनुसार, एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत, विश्व कप 2026 और ओलंपिक 2028 की तैयारियों के लिए एक सही शुरुआत है।
हरेंद्र सिंह का मानना है कि इस तरह की जीतों से टीम को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने का अवसर मिलता है, और उनका उद्देश्य 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भाग लेना है। इस मिशन को हासिल करने के लिए उन्हें अगले कुछ वर्षों में भारत की महिला हॉकी टीम को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में काम करना होगा।