भारत करेगा अंतरिक्ष में वॉटर बीयर्स के बारे में अध्ययन 

नई दिल्‍ली। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने के लिए तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। शुभांशु 29 मई को रात 10:33 बजे IST पर स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान में सवार होकर उड़ान भरेंगे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिन के प्रवास के दौरान 7 प्रयोग करेंगे, जिसमें फसल उगाना और अंतरिक्ष में सूक्ष्मजीव (वॉटर बीयर्स) के बारे में अध्ययन करना भी शामिल है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के सहयोग से मई के अंत में निर्धारित एक्सिओम मिशन-4 (एक्स-4) के दौरान सात प्रयोग करेगा। इस यात्रा के दौरान अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे।

नासा और वॉयेजर के साथ साझेदारी में इसरो अंतरिक्ष में सूक्ष्म जीव ‘टार्डिग्रेड्स’ के बारे में अध्ययन कर रहा है। टार्डिग्रेड्स सूक्ष्म जीव होते हैं और यह चरम स्थितियों में जीवित रहने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। टार्डिग्रेड्स लगभग 60 करोड़ वर्ष से पृथ्वी पर मौजूद हैं और निकट भविष्य में भी वे दुनिया की जलवायु में होने वाले किसी भी बड़े बदलाव को झेलने में सक्षम होंगे। इस प्रयोग के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर टार्डिग्रेड्स के पुनरुत्थान, अस्तित्व और प्रजनन की जांच की जाएगी।

एक्सिओम स्पेस ने कहा कि टार्डिग्रेड्स के बारे में अध्ययन करने से उनके आणविक तंत्र को समझने से भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण में मदद मिल सकती है। साथ ही, पृथ्वी पर जैव प्रौद्योगिकी के नए प्रयोगों को बढ़ावा मिल सकता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बीते दिनों कहा कि शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे। यह यात्रा राकेश शर्मा की रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में जाने की ऐतिहासिक यात्रा के चार दशक बाद होगी। उन्होंने कहा, ‘ग्रुप कैप्टन शुक्ला की यात्रा महज एक उड़ान नहीं है। यह एक संकेत है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग में साहस के साथ कदम रख रहा है।

Related Articles

Back to top button