
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने गुरुवार को राहुल गांधी द्वारा नागपुर में आयोजित ‘संविधान सम्मेलन’ पर कड़ी आपत्ति जताई। रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी संविधान का सम्मान नहीं करते हैं, और ऐसे में उनका संविधान पर बात करना न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि उनकी राजनीतिक स्थिति को भी संदिग्ध बनाता है।
रिजिजू ने कहा, “मैं राहुल गांधी द्वारा नागपुर में ‘संविधान सम्मेलन’ आयोजित करने पर आपत्ति जताता हूं, क्योंकि उन्होंने और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान और इसके निर्माताओं का अपमान किया है।” उन्होंने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर और भारतीय संविधान के प्रति कांग्रेस के रवैये को भी निशाना बनाते हुए कहा कि, “कांग्रेस पार्टी को डॉ. अंबेडकर और संविधान के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने हमेशा उनके योगदान को नकारा और अपमानित किया है।”
किरन रिजिजू ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उनके नेताओं का यह दोहरा रवैया स्पष्ट है। जब संविधान की रक्षा की बात आती है, तो उनका रुख बदल जाता है और वे उसी संविधान का अपमान करते हैं, जिसके आधार पर वे आज तक सत्ता में बने रहे हैं।
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि रिजिजू और भाजपा कांग्रेस के खिलाफ संविधान के सम्मान को लेकर एक रुख अख्तियार कर रहे हैं, खासकर उस संदर्भ में जब राहुल गांधी और उनकी पार्टी द्वारा संविधान की धारा और मूल्यों को लेकर बयान दिए जाते हैं।
राहुल गांधी ने नागपुर में संविधान सम्मेलन का आयोजन उस समय किया जब भाजपा और उनकी पार्टी के बीच राजनीतिक संघर्ष तीव्र हो गया है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री का यह बयान कांग्रेस के लिए एक चुनौती और आरोपों से भरा हुआ था, जो अब पार्टी के अंदरूनी और बाहरी विवादों को और बढ़ा सकता है।