
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद नगर निगम में नगर आयुक्त रहे सपा सरकार में आजम खान के नजदीकी माने जाने वाले IAS अब्दुल समद पर विजिलेंस ने शिकंजा कस दिया है उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आय से 113 % अधिक संपत्ति का मामला आगरा के थाने में दर्ज कराया है। इसके बाद उनकी मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि अब्दुल संमद गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहते हुए भी कई विवादों में घिरे थे। उन पर डस्टबिन, कंप्यूटर, स्ट्रीट लाइट की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे थे भाजपा प्रभाव वाले गाजियाबाद में उनके उन फैसलों का विरोध हुआ था।
जानकारी के मुताबिक IAS अब्दुल समद सपा सरकार में सबसे ज्यादा ताकतवर अधिकारी माने जाते थे क्योंकि वह आजम खान के बेहद गरीबी बताई जा रहे हैं. उन्होंने 2 करोड़ 62 लाख की आय के मुकाबले 5 करोड़ 59 लाख से अधिक की संपत्ति और खर्च का ब्यौरा दिया। यानी उन्होंने 2 करोड़ 97 लख रुपए अधिक खर्च दिखाया लेकिन जब उनसे गहन पूछताछ की गई तो वह संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए।
विजिलेंस की जांच में पता चला कि लखनऊ जौनपुर और आजमगढ़ में भी उनकी संपत्ति है हालांकि उनके खिलाफ कराए गए मुकदमे में इनका अभी तक औपचारिक उल्लेख नहीं किया है जांच में मार्च 2023 में, अब्दुल समद को यूपी विधानसभा द्वारा एक पुराने विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी पाया गया। इसके अलावा 2004 में कानपुर में विधायक सलिल बिश्नोई से दुर्व्यवहार के मामले में उन्हें और 5 पुलिसकर्मियों को रात 12 बजे तक की सजा दी गई थी।जिसमें उन्होंने माफी मांगकर राहत पाई।
अब्दुल समद ने पीपीएस से करियर शुरू किया, फिर पीसीएस और बाद में आईएएस में प्रोन्नत हुए।उन्हें सपा शासन में आजम खां के करीबी माना जाता था इसलिए उन्हें प्रभावशाली अफसरों में गिना जाता था। हालांकि वर्तमान में वे रिटायर भी हो चुके हैं और लखनऊ स्थित वृंदावन योजना सेक्टर-11 में निवास कर रहे हैं।
एसपी विजिलेंस आगरा सेक्टर आलोक शर्मा के अनुसार, जांच अधिकारी इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार दुबे ने समद की संपत्ति संबंधी रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसके बाद आगरा सेक्टर थाने में केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस के द्वारा अभी और भी गहन जांच की जा रही है उम्मीद की जा रही है कि इसके अलावा और भी मामले सामने आ सकते हैं।