भारत के पास मौजूद सबसे खतरनाक हथियारों में से एक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर बड़ी खबर आई है। भारत को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के पांचों स्काडर्न की डिलीवरी समय पर पूरी नहीं हो पाएगी। रूस का कहना है मौजूदा समय में वह यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त है। यही वजह है कि वह शेष बचे 2 डिफेंस सिस्टम के स्क्वाड्रन को भेज नहीं पाया है। सूत्रों ने कहा कि रूस 2026 की तीसरी तिमाही तक शेष दो एस-400 वायु रक्षा मिसाइल स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के दो शेष मिसाइल स्क्वाड्रन की आपूर्ति अगस्त 2026 तक की जाएगी और यह हमारी वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में मदद करेगी। रूस को 2024 की शुरुआत तक पांच स्क्वाड्रन की आपूर्ति करनी थी, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति में देरी हुई।
भारत को 2018 में ऑर्डर किए गए पांच में से एस-400 मिसाइल सिस्टम के तीन स्क्वाड्रन पहले ही मिल चुके हैं। भारतीय वायुसेना ने रूस से मिले तीनों एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल स्क्वाड्रन को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि जिस प्रकार की तैनाती की गई है उससे पता चलता है कि इस समय हमारे पास चीन और पाकिस्तान मोर्चे पर लगभग 1.5 स्क्वाड्रन हैं। वायु सेना लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली के लिए भी अग्रणी एजेंसी बनने जा रही है, जो चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं पर भारतीय तैयारियों को और बढ़ावा देगी। इस प्रणाली को तीनों सेनाओं की मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) सहित मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों से मदद मिलेगी और यह पहले से ही चालू है।
भारत ने 2018 में 5.4 बिलियन डॉलर में खरीदी गई S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली की डिलीवरी भी शामिल है। मास्को में आर्मी एक्सपो में बोलते हुए रूस के रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के सीईओ, अलेक्जेंडर मिखेयेव ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वे 2023 के अंत तक भारत को सभी पांच एस-400 रेजिमेंट वितरित कर देंगे।