महाकुंभ के लिए वाणिज्य विभाग के रेलकर्मी होंगे तैनात

प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल द्वारा शुरू की गई यह अभिनव पहल महाकुंभ 2025 के दौरान यात्रियों के लिए एक बहुत ही उपयोगी और सुविधाजनक कदम है। इस पहल का उद्देश्य टिकट प्रक्रिया को सरल बनाना और तीर्थयात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करना है। इस पहल के तहत प्रयागराज जंक्शन और अन्य प्रमुख स्थानों पर वाणिज्य विभाग के समर्पित रेलकर्मी तैनात रहेंगे।

इन कर्मियों को हरे रंग की जैकेट पहनाई जाएगी, ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। जैकेट के पीछे एक क्यूआर कोड छपा होगा, जिसे तीर्थयात्री अपने मोबाइल फोन से स्कैन कर सकते हैं। यूटीएस (अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम) मोबाइल ऐप के जरिए तीर्थयात्री बिना लंबी कतारों में खड़े हुए, आसानी से और तुरंत अनारक्षित टिकट बुक कर सकते हैं। इस डिजिटल पहल से यात्रियों को अधिक सुविधा और आराम मिलेगा, और यह महाकुंभ के विशाल समागम में भीड़-भाड़ और अव्यवस्थाओं को कम करने में मदद करेगा।

इस कदम से न केवल टिकटिंग प्रक्रिया को सुगम बनाया जा रहा है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है, जो यात्रियों को आधुनिक तकनीक का लाभ देने के साथ-साथ उनकी यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और सहज बनाएगा। इस अभूतपूर्व पहल से रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी, जिससे तीर्थयात्री बिना किसी परेशानी के टिकट खरीद सकेंगे।

इस प्रक्रिया में डिजिटल भुगतान विकल्पों को शामिल करने से, यह समय बचाने और महाकुंभ में भाग लेने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने का वादा करता है। हरे रंग की जैकेट पहने रेलवे कर्मचारी न केवल रेलवे प्लेटफॉर्म पर बल्कि अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी तीर्थयात्रियों को टिकट बुकिंग में सहायता करने और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तैनात रहेंगे।

क्यूआर कोड को स्कैन करने से यात्री सीधे यूटीएस ऐप पर पहुंच जाएंगे, जहां वे टिकट बुकिंग के साथ-साथ अतिरिक्त सुविधाओं और सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर मध्य रेलवे का यह कदम महाकुंभ 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी सुधार है, जो डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है। इस अभिनव टिकटिंग प्रणाली का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को एक सहज और आसान अनुभव प्रदान करना है।

डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से यात्री यात्रा के दौरान आराम और दक्षता का अनुभव करेंगे, जिससे महाकुंभ के विशाल आयोजनों में भाग लेने के लिए और भी अधिक सुलभता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। महाकुंभ, जो हर 12 साल में एक बार होता है, इस बार 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी, 2025 को प्रयागराज में समाप्त होगा। यह एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

प्रमुख स्नान अनुष्ठान, जिन्हें शाही स्नान के रूप में जाना जाता है, तीन विशेष तिथियों पर होंगे: 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी) इन प्रमुख तिथियों पर विशेष रूप से श्रद्धालु भारी संख्या में संगम में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं। इस बार की डिजिटल पहल से यह उम्मीद जताई जा रही है कि महाकुंभ का अनुभव और भी व्यवस्थित, आरामदायक और आधुनिक होगा, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं होगी और वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को आसानी से निभा सकेंगे।

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