14 अप्रैल से बोहाग बिहू का हुआ आगाज

आज से यानी की 14 अप्रैल से बोहाग बिहू का आगाज हो चुका है। यह असम का मुख्य त्योहार है। इस दिन किसान लोग अच्छी फसल के लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं और भविष्य में भी बेहतर और अच्छी फसल होने की उम्मीद करते हैं।

बता दें कि बिहू पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है, जोकि साल के तीन अलग-अलग कृषि चक्रों को दर्शाने का काम करता है। यह तीन बिहू पर्व भोगली बिहू, बोहाग बिहू और कोंगाली बिहू है। इस बार 14 अप्रैल को बोहाग बिहू पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व पूरे 7 दिनों तक मनाया जाता है और इसका हर दिन बेहद खास होता है। इस बार 14 अप्रैल 2025 से बोहाग बिहू की शुरूआत हो रही है और इसका समापन 20 अप्रैल को हो रहा है।

यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन और नए साल की शुरूआत का प्रतीक है। बिहू पर्व गायन, उत्सव और दावत के साथ आता है। इस दौरान पुरुष और महिलाएं नए साल के जश्न पर पारंपरिक बिहू नृत्य करते हैं। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठते हैं और कच्ची हल्दी और उड़द की दाल के लेप से स्नान करते हैं। फिर नए कपड़े पहनते हैं और घर के बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद ही कुछ खाते-पीते हैं।  बोहाग बिहू के सात चरण होते हैं- छोट, राती, गोरू, मनुह, कुटुम, मेला और चेरा।

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