बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार होता है

एयरलाइन कंपनी विस्तारा में फ्लाइटें कैंसिल और लेट होने का विवाद गहराता जा रहा है। मैदान में अब एयर इंडिया यूनियनें कूद गई हैं। यूनियनों ने विस्तारा पर आरोप लगाया है कि कंपनी पायलटों को धमका रही है। बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार कर रही है।

कम सैलरी पर काम करने के लिए मजबूर कर रही है। ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कंपनी को इस हरकत का अंजाम भुगतान होगा। एयर इंडिया यूनियनों ने विस्तारा में काम कर रहे अपने साथियों का समर्थन किया है, जो विस्तारा एयरलाइन के एयर इंडिया के साथ विलय के फैसले, नए सैलरी स्ट्रक्चर और रोस्टरिंग जैसे मुद्दों का विरोध कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया यूनियनों ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तारा पायलटों की हड़ताल को समर्थन दिया है। विस्तारा इस समय क्रू मेंबरों की कमी, सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव और रोस्टरिंग की प्रॉब्लम से जूझ रही है। इस वजह से कंपनी ने अपनी फ्लाइटें कैंसिल कर दीं और बहुत-सी फ्लाइटें लेट भी हुईं।

टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को एयर इंडिया की इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPI) और इंडियन पायलट गिल्ड (IPG) ने एक लेटर लिखा, जिसमें विस्तारा कंपनी द्वारा लिए गए फैसलों का जिक्र किया गया। इसमें काम के घंटे 60 से कम करके 40 करने लीव की परमिशन और रोस्टर से संबंधित मुद्दों पर भी लिखा गया।

लेटर में पायलटों के मुद्दों को सुलझाने की अपील भी की गई। एयर इंडिया की दोनों यूनियनों ने कहा कि विस्तारा के पायलट जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, वे कंपनी से अलग नहीं हैं। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, INX कनेक्ट (पूर्व में एयर एशिया इंडिया) और विस्तारा टाटा समूह के ही वेंचर हैं। इसलिए चारों के कर्मचारियों और पायलटों को समान महत्व दिया जाना चाहिए। सम्मान दिया जाना चाहिए और आवश्यक सहायता-सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन विस्तार के पायलटों को बंधुआ मजदूरों जैसी स्थितियों और व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। अगर जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन कुछ फैसले लेने होंगे।

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