चीनी साइबर सिंडिकेट का जाल तोड़ा

अफ्रीकी देश जांबिया ने चीन  के एक इंटरनेट फ्रॉड करने वाले साइबर क्राइम  सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। मामले में कुल 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से 22 चीनी नागरिक हैं। जांबिया के अधिकारियों ने चीन की ओर से संचालित होने वाली एक कंपनी पर छापेमारी की थी। उन्होंने इसे साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा अचीवमेंट बताया है।

चीन की इस कंपनी का नाम गोल्डन टॉप सपोर्ट सर्विसेज है। इसने जांबिया के कई लोगों को कॉल सेंटर एजेंट्स के तौर पर काम पर रखा था। छापेमारी के दौरान यहां से कई उपकरणों समेत ऐसी डिवाइस मिली हैं जिनके जरिए कॉल करने वाला अपनी लोकेशन छिपा सकता है। इसके अलावा यहां से हजारों की संख्या में सिम कार्ड भी बरामद हुए थे। यह छापेमारी राजधानी लुसाका के रोमा इलाके में स्थित कंपनी के परिसरों पर हुई थी।

रिपोर्ट्स के अनुसार जांबिया की एजेंसियां देश में इंटरनेट फ्रॉड के मामलों में तेजी से इजाफा होने के बाद महीनों से इसे लेकर जानकारी जुटा रही थीं। देश के ड्रग एनफोर्समेंट कमीशन के डायरेक्टर जनरल नसोन बांडा ने बताया कि गोल्डन टॉप सपोर्ट सर्विसेज ने जांबिया के ऐसे लोगों को काम पर रखा था जिन पर शक होने की संभावना नहीं थी और उनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। बता दें कि हालिया छापेमारी बीते मंगलवार को हुई थी।

बांडा ने कहा कि काम पर रखे गए लोगों को व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, चैटरूम्स व अन्य प्लेटफॉर्म्स पर मोबाइल यूजर्स को चूना लगाने के लिए बातचीत करने का काम दिया गया था। इसके लिए उन्हें एक स्क्रिप्ट भी दी जाती थी। छापेमारी के दौरान कंपनी परिसर से 11 सिम बॉक्स मिले थे। इनमें डोमेस्टिक और इंटरनेशनल सिम कार्ड दोनों शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने बड़ी संख्या में जांबियाई नागरिकों के साथ धोखाधड़ी की थी।

छापेमारी के दौरान इस बात के सबूत मिले हैं कि यह कंपनी अफ्रीकी देशों के साथ-साथ सिंगापुर, पेरू और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लोगों को भी निशाना बना रही थी। छापेमारी में 2 हथियार और 78 राउंड एम्युनिशन भी मिला है। इसके अलावा दो वाहन भी जब्द किए गए हैं। इस मामले में गिरफ्तार किए गए जांबिया के नागरिकों के जमानत पर छोड़ दिया गया है जबकि चीन के 22 और कैमरून के एक नागरिक को हिरासत में रखा गया है।

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