लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है, और रिक्त पदों पर भर्ती का मामला कई वर्षों से लंबित है। इस कारण बोर्ड चाहकर भी नई भर्ती नहीं कर पा रहा है, जिससे कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। कर्मचारियों की कमी के चलते वे अधिक कार्यभार का सामना कर रहे हैं, और बोर्ड के प्रशासनिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
मदरसा शिक्षा परिषद प्रदेश के 16,460 मान्यता प्राप्त मदरसों की निगरानी और संचालन के लिए जिम्मेदार है। वर्तमान में यहां 33 स्वीकृत पदों में से केवल 7 पद ही भरे हुए हैं, जिससे पूरे बोर्ड का कामकाज प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों के लिए कठिनाइयाँ पैदा कर रही है, बल्कि मदरसों के संचालन और छात्रों के लिए भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
इन हालात में, मदरसा शिक्षा परिषद के कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए तत्काल भर्ती और प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता है। मदरसा शिक्षा परिषद के कामकाज में सुचारु संचालन की कमी के कारण छात्रों को कई प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
छात्रों को मार्कशीट सत्यापन, परीक्षा केंद्र निर्धारण और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए परेशान होना पड़ता है, और इन कार्यों में हो रही देरी से विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, पासपोर्ट सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी देरी हो रही है, जिससे छात्रों को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मदरसा शिक्षा परिषद के कार्यों को सही तरीके से चलाने के लिए स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति और खाली पदों पर भर्ती करना अत्यंत आवश्यक है। कर्मचारियों की कमी के कारण बोर्ड के प्रशासनिक कार्यों में देरी हो रही है, जिससे मदरसों और छात्रों को लगातार समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इन समस्याओं को शीघ्र हल करने के लिए प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता है।