लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। दिल्ली की सरकार चलाने पर सवालों से लेकर अरविंद केजरीवाल को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
आम आदमी पार्टी ने जहां अरविंद केजरीवाल को एक विचारधारा बताया है और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन करने की बात कही है। वहीं, भाजपा नेता संबित पात्रा ने अरविंद केजरीवाल को एक खराब विचार करार दे दिया है। पढ़िए इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कौन क्या कह रहा है।
दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने कहा है कि जंग शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी केजरीवाल की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन करेगी। अरविंद केजरीवाल महज एक व्यक्ति नहीं हैं, वह एक विचारधारा हैं।
राय ने कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि वह केजरीवाल को गिरफ्तार करके आम आदमी पार्टी को खत्म कर सकती है और विपक्ष को धमका सकती है, तो वह गलत सोच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव की वजह से विपक्षी नेताओं के खिलाफ कदम उठा रही है। यह गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या और तानाशाही का उदाहरण है।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल की शराब नीति इतनी ही अच्छी थी तो इसे बंद क्यों कर दिया गया? आप नेता कहते हैं कि केजरीवाल एक व्यक्ति नहीं हैं, वह एक विचार हैं। मैं कहता हूं कि वह एक खराब विचार हैं।
पात्रा ने कहा कि कोई एजेंसी ऐसी नहीं बची है जिसने इस मामले की जांच न की हो। दिल्ली के लोग भी सच्चाई जानते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को शराब के निजीकरण को लेकर चेताया भी गया था लेकिन तब उन्होंने नहीं सुना। उन्होंने अपने दोस्तों की ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को शराब के ठेके दिए थे।
आप नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र ने एक पद पर बैठे मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद किसी राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को गिरफ्तार किया गया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भाजपा की राजनीतिक साजिश है।
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आप नेता कह रहे हैं कि केजरीवाल इंसान नहीं विचारधारा हैं। विचारधारा यह है कि वह भ्रष्टाचार करेंगे और जब अदालत फैसला ले तो उसे अत्याचार कहेंगे, विक्टिम कार्ड खेलेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं दी। संजय सिंह की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने रद्द कर दी। अब क्या अदालतें लोकतंत्र को खत्म कर रही हैं?