
लखनऊ। कृष्णानगर इलाके के ओशो नगर एक प्लॉट में बनी झुग्गियों में मंगलवार देर रात भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर 36 झोपड़ियां राख हो गईं। आग की आंच लगते ही झोपड़ियों में मौजूद लोग बाहर भाग निकले, जिससे उनकी जान बच गई। आग की चपेट में आने से झोपड़ियों में रखे गैस सिलिंडर एक के बाद एक फटने लगे, जिससे आग और भीषण हो गई।
सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के 15 फायर टेंडरों की मदद से करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग झोपड़ियों के बगल में बने दो मकानों तक पहुंच गई, जिससे झोपड़ियों के साथ ही उन मकानों का भी पूरा सामान जल गया। आग लगने का कारण बिजली के पोल में शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है।
भोला खेड़ा के पास स्थित ओशो नगर में राम बाबू का करीब चार बीघे का खाली प्लॉट है। उसमें कई साल से कूड़ा बीनने वाले झोपड़ियां बनाकर रहते हैं। मंगलवार रात को रोज की तरह लोग झोपड़ियों में परिवारीजन के साथ सो रहे थे। रात करीब दो बजे झोपड़ियों में आग लग गई, जिससे वहां चीख-पुकार मच गई। देखते ही देखते आग की लपटें सभी झोपड़ियों तक फैल गई।
लोग जिस हालत में थे, वैसे ही जान बचाकर बाहर भागे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि झोपड़ियों में रखे करीब 20 गैस सिलिंडर फटे। धमाके के साथ सिलिंडरों के अवशेष हवा में दूर तक उछलकर गिरे। स्थानीय लोगों से सूचना पाकर आलमबाग फायर स्टेशन की टीम पहुंची और आग बुझाना शुरू किया, लेकिन आग की भयावहता को देख सीएफओ मंगेश कुमार ने जिले के सभी फायर स्टेशनों को अलर्ट कर दिया।
फायर ब्रिगेड की 15 टीमों ने करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक झोपड़ियों में रखी सारी गृहस्थी जलकर राख हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि प्लॉट के पास लगे बिजली के पोल में शॉर्ट सर्किट होने से चिंगारी निकली और उसी से झोपड़ियों में आग लग गई थी। वहीं, सीएफओ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
प्लॉट में बनी झुग्गियों में लगी आग की लपटें बगल में स्थित हरिराम वशिष्ठ और पंकज सिंह के मकानों तक भी पहुंच गईं। आग लगने से मकान में लगे टाइल्स चटख गए और घर में रखा सामान, फ्रिज व अन्य घरेलू उपकरण भी जल गए। इसके अलावा झुग्गियों में रहने वालों से कबाड़ खरीदने वाले कबाड़ी ठेकेदार अंशु बजाज की बाइक और कमाल अली की स्कूटी भी जलकर राख हो गई|
ओशो नगर में राम बाबू के प्लॉट को चार ठेकेदार खुशी राम साहू, संजीव गुप्ता, अंशु बजाज और सुभाष गुप्ता ने किराए पर लिया था, जिसमें इन लोगों ने कूड़ा बीनने वाले कई परिवारों को झुग्गियों में बसाया था। वह लोग कूड़ी बीन कर ठेकेदारों को बेचते थे। कबाड़ के ढेर झोपड़ियों के बाहर ही रखे थे, इसीलिए आग ने थोड़ी ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया था। ठेकेदार संजीव गुप्ता ने बताया कि 36 झोपड़ियों में 81 लोग रहते हैं। आग लगने से सभी झोपड़ियां जल गई हैं। हर किसी की गृहस्थी तबाह हो गई है। आग से 10 लाख से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
ओशो नगर में चार ठेकेदारों ने करीब 17 वर्षों से अवैध रूप से कूड़ी बीनने वालों की बस्ती बसा रखी थी। कारोबार का पंजीकरण करवाए बिना चारों ठेकेदार कबाड़ बेच कर लाखों का वारा न्यारा कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्लॉट में पहाड़ सरीखे कूड़े के ढेर तक आग पहुंचते ही ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगी थीं, जिससे पूरी बस्ती में आग फैल गई।
आग बुझने के बाद वहां रहने वाले लोग राख के बीच अपनी गृहस्थी तलाशते रहे, लेकिन कुछ बचा नहीं। एहतशाम, रुकसाना और सर्वेश ने बताया कि धुआं से सांस फूली तो उनकी नींद टूटी। झोपड़ी से बाहर आए तो देखा कि कई झोपड़ियां आग की लपटों में घिरी हुई थीं। उसके बाद जो जिस हाल में था, बस बच्चों को लेकर जान बचाने के लिए भागा। रुपये व गृहस्थी सब आग की भेंट चढ़ गई।
आग लगने की जानकारी पाकर केसरी खेड़ा वॉर्ड के पार्षद जीतू यादव भी समर्थकों संग मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बस्ती पूरी तरह से अवैध थी। उसे हटाने के लिए वह कई बार नगर निगम और जिला प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने बिजली के पोल के पास चिंगारी निकलने की बात बताई थी तो उन्होंने बिजली विभाग को भी अवगत करवाया था, लेकिन बिजली वालों ने सुध नहीं ली। नतीजतन बड़ा हादसा हो गया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। सीएफओ का कहना है कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।
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