
बेंगलुरु। कांग्रेस शासित कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने मुस्लिमों पर फिर मेहरबानी दिखाई है। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने राज्य में विभिन्न आवासीय योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा, ‘‘राज्य भर में शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में आवास विभाग द्वारा लागू की जा रही विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों में बेघरों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कांग्रेस सरकार द्वारा यह फैसला सरकारी सिविल ठेकों में 4% मुस्लिम आरक्षण संबंधी विधेयक पारित करने के कुछ सप्ताह बाद लिया गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों में बेघरों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कांग्रेस सरकार द्वारा यह फैसला सरकारी सिविल ठेकों में 4% मुस्लिम आरक्षण संबंधी विधेयक पारित करने के कुछ सप्ताह बाद लिया गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है।
बता दें कि इसी साल मार्च में सिद्धारमैया सरकार ने सरकारी सिविल ठेकों में मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाला बिल विधानसभा से पारित कराया था। कहा जाता है कि कांग्रेस पार्टी के मुस्लिम नेताओं के भारी दबाव में आकर सरकार ने विधेयक पारित कराया था। हालांकि, राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया है, क्योंकि भाजपा ने विधेयक को खारिज करने के लिए उनसे गुहार लगाई थी। उस विवाद के बीच कांग्रेस ने एक और तुष्टिकरण का फैसला लिया है, जिस पर भाजपा आर-पार के मूड में आ गई है।