मार्च 2025 में एचडीएफसी के फास्टैग पूरी तरह से पूर्ण हुए

नई दिल्‍ली। देशभर में सफर के दौरान लोगों को टोल प्लाजा पर लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है। इसकी बड़ी वजह बैंकों द्वारा जारी फास्टैग का सही से काम न करना है। फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद तकनीकी या अन्य गड़बड़ी से पैसा नहीं कटता, जिस कारण टोल बैरियर नहीं खुलता है। आंकड़ों से पता चला है कि 12 प्रमुख बैंकों में से सिर्फ एक बैंक का फास्टैग का ट्रांजैक्शन सही समय पर शत प्रतिशत पूरा हुआ।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के आंकड़ों को देखें तो मार्च 2025 में एचडीएफसी बैंक से जारी फास्टैग के सभी लेनदेन (ट्रांजैक्शन) पूरी तरह से पूर्ण हुए। यह आंकड़ा 100 फीसदी रहा। किसी भी लेनदेन को तकनीकी या अन्य किसी व्यावसायिक कारण के चलते खारिज नहीं किया गया। इसके उलट आईडीबीआई, यस बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक के लेन-देन सबसे ज्यादा खारिज किए गए। देश में लेनदेन संख्या के आधार पर आईसीआईसीआई बैंक पर सबसे ज्यादा दबाव है,लेकिन उसका रिकॉर्ड फिर भी काफी बेहतर है। इस मामले में मीडिया की ओर से तीनों बैंकों को ई-मेल भेजकर जवाब भी मांगा गया लेकिन किसी भी बैंक की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।

ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में कई बार बैरियर नहीं खुलता है। ऐसी स्थिति में वाहन चालक दिखाते हैं कि उनके फॉस्टैग वॉलेट में पर्याप्त धनराशि है, लेकिन टोल कर्मियों का तर्क होता है कि उन्हें धनराशि होने से मतलब नहीं है। उनके सिस्टम में फास्टैग स्कैन हो जाए और पर्याप्त धनराशि कट जाए, तभी वह टोल प्लाजा से निकल सकते हैं। इस हालात में किसी लेन में 10 वाहन खड़े हैं और एक वाहन के साथ फास्टैग से जुड़ी समस्या होती है तो थोड़ी से देर में वहां वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।

सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन व्यावसायिक कारणों के चलते खारिज किए गए। इनमें डुप्लिकेट लेनदेन या फास्टैग आईडी का जारीकर्ता बैंक से संबद्ध न होना प्रमुख कारण रहा। इसके बाद, तकनीकी आधार पर ट्रांजैक्शन फेल या रिजेक्ट किए गए। इसमें फास्टैग में बैंक आईडी खाली होने या उसकी जानकारी सही प्रारूप में उपलब्ध न होने भी कारण रहा। फास्टैग का कोड डेटाबेस में उपलब्ध नहीं होना भी एक कारण रहा।

अगर आपके साथ बार-बार यह समस्या हो रही है तो अपने फास्टैग के टैग को बदलवा लें। फास्टैग का स्टीकर तीन वर्ष पुराना हो गया है तो उसे नया जारी करा लें। फॉस्टैग वॉलेट में ऐप या वेबसाइट के जरिए जाकर देखें कि आपके वाहन की जानकारी सही से अपडेट है या नहीं। अगर वाहन का नंबर, अकाउंट नंबर या अन्य कोई जानकारी अधूरी है तो उसे अपडेट करें। नई गाड़ी लेने के 60 दिन के अंदर वाहन नंबर को फॉस्टैग के जानकारी में अपडेट करें।

If you think this might be a reason for your child's bedwetting, you may feel guilty about it. At this late date, FX is attempting to establish a historical artifact with this series without reaching out to any prosecution sources.

Related Articles

Back to top button