
नई दिल्ली। भारत और मॉरीशस ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील कर दिया है। इसकी वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ औपचारिक बातचीत की। इसमें उन्होंने स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित हिंद महासागर के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की। साथ ही जहाजों और विमानों की तैनाती सहित मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पूर्ण समर्थन का वादा दिया।
मोदी ने वैश्विक दक्षिण के लिए ‘महासागर’ के विजन को भी आगे बढ़ाया, जो कि 10 साल पहले उन्होंने भारत के ‘विजन सागर’ की घोषणा की थी। ये रणनीतिक रूप से स्थित उसी हिंद महासागर के देश से था जो भारत को व्यापक ग्लोबल साउथ से जोड़ता है।
मोदी ने मॉरीशस को भी इस क्षेत्र में एक विशेष भागीदार बताते हुए कहा कि इसमें विकास के लिए व्यापार, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण और साझा भविष्य के लिए आपसी सुरक्षा के विचार शामिल होंगे। इसके तहत भारत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, रियायती लोन और अनुदान के माध्यम से सहयोग बढ़ाएगा। रामगुलाम के साथ मोदी की बैठक के बाद आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही कई घोषणाएं हुईं।
इनमें भारत द्वारा मॉरीशस की नई संसद भवन का निर्माण शामिल है। इसके बारे में मोदी ने कहा कि यह “लोकतंत्र की जननी” की ओर से एक उपहार होगा। भारत ने पिछले साल चागोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस की संप्रभुता के लिए यूके-मॉरीशस समझौते का स्वागत किया था। इसमें यूएस-यूके सैन्य अड्डा है। मोदी ने इस मुद्दे पर मॉरीशस के लिए भारत के ‘दृढ़ समर्थन’ को दोहराया। संयुक्त बयान के अनुसार, रामगुलाम ने इस मुद्दे पर वैश्विक प्रतिनिधियों के साथ उनके व्यक्तिगत समर्थन और जुड़ाव के लिए मोदी को धन्यवाद दिया, जिसमें दोनों देशों को स्वाभाविक साझेदार बताया गया।
भारत ने मॉरीशस में पानी की पाइपलाइनों को बदलने के लिए 487 करोड़ रुपये की रुपये आधारित ऋण सुविधा की भी घोषणा की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत किसी देश को रुपये आधारित ऋण सुविधा दे रहा है। इसलिए यह एक महत्वपूर्ण विकास है।
मोदी ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग पर विशेष जोर दिया और इसे रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बताया। साथ ही स्थानीय तटरक्षक बल की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भारत मॉरीशस में पुलिस अकादमी और राष्ट्रीय समुद्री सूचना साझाकरण केंद्र की स्थापना में भी सहायता करेगा। व्हाइट शिपिंग, ब्लू इकोनॉमी और हाइड्रोग्राफी में सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, रामगुलाम ने रक्षा और समुद्री परिसंपत्तियों के प्रावधान, जहाजों और विमानों की नियमित तैनाती, संयुक्त समुद्री निगरानी, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और गश्त, द्विपक्षीय अभ्यास और सूचना साझाकरण और प्रशिक्षण सहायता के माध्यम से अपने विशाल ईईजेड की सुरक्षा में मॉरीशस को ‘अटूट समर्थन’ के लिए मोदी को धन्यवाद दिया।
इससे मॉरीशस के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदाता के रूप में उभर रहा है। प्रतिनिधियों ने मॉरीशस के ईईजेड को सुरक्षित करने की दिशा में सहयोग को गहरा करने पर भी सहमति व्यक्त की। इसमें अगालेगा द्वीपों पर एक नए रनवे और जेटी के संवर्धित उपयोग के माध्यम से शामिल है। इसे भारत ने हिंद महासागर में बढ़ती चीनी उपस्थिति के बीच बनाया है।