निगम पार्षदों ने विधानसभा चुनाव के बाद दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव चुनाव जीतने के बाद निगम पार्षदों ने निगम की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। नियमानुसार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग को खाली हुए सभी वॉर्डों में छह महीने के भीतर इलेक्शन कराना होगा। सूत्रों का कहना है कि आयोग छह महीने के भीतर इलेक्शन करा पाते हैं या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति है। क्योंकि निगम की सदस्यता से त्यागपत्र देकर सांसद बनीं कमलजीत सहरावत ने मई 2024 में अपनी सदस्यता छोड़ी थी, लेकिन उनके वॉर्ड में अभी तक उपचुनाव नहीं हो पाया। इसलिए विधायक बनने के बाद जिन निगम पार्षदों ने निगम की सदस्यता छोड़ी है, उनके वॉर्डों में उपचुनाव को लेकर भी संशय बना हुआ है।

निगम की सदस्यता छोड़ने वाले निगम पार्षदों में बीजेपी के आठ और आम आदमी पार्टी के तीन निगम पार्षद शामिल हैं। इसके अलावा, निगम की सदस्यता छोड़ने वाले निगम पार्षदों में एक मनोनीत निगम पार्षद भी शामिल है। मई 2024 में लोकसभा के दौरान कमलजीत सहरावत ने सांसद बनने के बाद निगम की सदस्यता छोड़ी थी। कुल मिलाकर मनोनीत निगम पार्षद को छोड़कर 12 वॉर्डों में उपचुनाव होने हैं। इस संबंध में निगम सचिव ऑफिस का कहना है कि इस संबंध में डीएमसी एक्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। क्या छह महीने के भीतर खाली हुए वॉर्ड में उपचुनाव हो जाने चाहिए? इस सवाल का जवाब देते हुए निगम सचिव ऑफिस ने कमलजीत सहरावत के इस्तीफा देने से खाली हुए उनके वॉर्ड का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्हें इस्तीफा दिए हुए लगभग नौ महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक उनके वॉर्ड में उपचुनाव नहीं कराया जा सका। इसलिए वर्तमान में खाली हुई वॉर्डों का उपचुनाव कब हो पाता है, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।

MCD में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने बताया विधानसभा चुनाव के बाद निगम में आम आदमी पार्टी अल्पमत में आ गई है। उन्होंने बताया कि BJP के आठ निगम पार्षद और एक मनोनीत सदस्य विधानसभा में निर्वाचित होने के बाद पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे अब BJP के पार्षदों की संख्या 116 हो गई है, जबकि सत्तारुढ़ AAP के तीन पार्षदों द्वारा इस्तीफा देने के बाद अब उनके निगम पार्षदों की संख्या 114 रह गई है। इससे साफ होता है कि AAP अल्पमत में आ गई है।

नेता विपक्ष ने बताया कि MCD एक्ट के अनुच्छेद 32(B) के तहत पार्षद के विधायक या सांसद बन जाने के 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना होता है। ऐसे में परिणाम आने के तय समय-सीमा में सभी विधानसभा में निर्वाचित हुए पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों के लिए गर्व की बात है कि BJP की पार्षद रहीं रेखा गुप्ता न केवल विधानसभा चुनाव रिकार्ड मतों से जीतीं बल्कि अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनकर दिल्ली की सेवा में जुट गई हैं।

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