
नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों को मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने बड़ी सौगात दी है और केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारी बेसब्री से 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे थे और सरकार ने इनको ये सौगात दे दी है। जल्दी ही इसके लिए कमेटी का गठन होगा और 8वें वेतन आयोग को बनाने की प्रक्रिया चालू कर दी जाएगी। आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक पीएम नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई और पीएम मोदी की अध्यक्षता में इस फैसले पर मंजूरी दे दी गई।
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने इसके लिए कैबिनेट सचिव से मिलकर 8वें वेतन आयोग का गठन करने की मांग की थी और लगातार ये संगठन सरकार के सामने 8वें वेतन आयोग के गठन का दबाव बना रहे थे। पिछले एक साल में कई बार कर्मचारी यूनियन केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर चुके हैं। पिछले बजट के बाद जब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अभी इस काम के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है।
देश में 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से लागू हुआ था। इससे लगभग 1 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा था, चूंकि हर 10 साल में वेतन आयोग लागू किया जाता है ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर देगी। इससे न्यूनतम वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। अंतिम वेतन आयोग का गठन हुए 10 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। आमतौर पर हर 10 साल में अगले वेतन आयोग का गठन हो जाता है।
पुराने वेतन आयोग की जगह पर नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बीच भी सामान्यतः 10 साल का अंतर रहता है। ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन जरूरी हो गया था। सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 28 फरवरी 2014 को किया गया था। सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें उसके करीब डेढ़ साल बाद नवंबर 2015 में केंद्र सरकार को सौंप दी थी। उसके बाद 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो गईं, जो अभी तक लागू हैं।
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