पोलियो, जिसे पोलियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है, एक खतरनाक वायरल बीमारी है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। यह बीमारी बच्चों में विशेष रूप से गंभीर हो सकती है, जिससे उन्हें लकवाग्रस्त होने या सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
भारत ने 2014 में पोलियो मुक्त घोषित होने के बाद से यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, और यह पोलियो eradication के लिए किए गए प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। विश्व भर में टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से पोलियो के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है।
हर साल 24 अक्टूबर को यह दिवस मनाना, लोगों को पोलियो के खिलाफ जागरूक करने और टीकाकरण के महत्व को बताने का एक अवसर है। हाल के महीनों में पोलियो के कुछ मामलों के सामने आना एक चिंता का विषय है, जो पोलियो के खतरे को फिर से उजागर करता है। पोलियो जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और टीकाकरण को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।
हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाने वाला यह दिन पोलियो के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को समर्पित है, और यह सुनिश्चित करता है कि लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें। आपकी जानकारी के अनुसार, ‘माताओं और बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य’ की थीम बच्चों में पोलियो उन्मूलन के प्रयासों को और मजबूत करती है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि माताएं बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
जोनास साल्क का योगदान भी इस क्षेत्र में अनमोल है। उनके द्वारा विकसित वैक्सीन ने लाखों बच्चों की जान बचाई है और पोलियो को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।