इंग्लैंड । कोरोना वायरस के वैरिएंट्स एक तरफ दुनिया से परेशान है, और दूसरी ओर कई नए वायरस के जन्म से दुनिया टेंशन में आ रही है. खबर है कि इंग्लैंड और वेल्स एक ऐसे वायरस की चपेट में आ गए हैं, जो बच्चों के लिए बड़े खतरे की वजह बन रहा है. इंग्लैंड और वेल्स में विक्टोरियन बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों ने इसे लेकर तत्काल चेतावनी जारी की है. इस खतरनाक वायरस के बढ़ने से वैज्ञानिकों को डर है कि यह बच्चों को लिए सबसे अधिक खतरा पैदा करेगा.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बीमारी खसरा है. डॉक्टरों ने बताया कि परिवार द्वारा अपने बच्चों को MMR टीका देने से इनकार करने के कारण यह पूरे ब्रिटेन में फैल रहा है. स्वास्थ्य सुरक्षा सलाहकार डॉ नवीद सैयद ने वेस्ट मिडलैंड्स में मामलों में वृद्धि देखने के बाद चिंता जताई. उन्होंने दावा किया कि यह वायरस उन रोगियों में तेजी से फैलने की संभावना है जिन्हें कम से कम एक बार टीका नहीं लगाया गया है. इंग्लैंड में खसरा के 149 मामले दर्ज किए गए हैं. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) के अनुसार, यह जनवरी और सितंबर 2023 का आकड़ा है. 2022 से तुलना करें तब इसके 54 मामले थे.
नए आंकड़े बताते हैं कि MMR टीका 2010-11 के बाद से सबसे कम दिए गए हैं. केवल 84.5 प्रतिशत बच्चों को ही दोनों टीके मिले हैं. इनमें पांच साल की उम्र तक के बच्चों को दोनों खुराक दी गई है. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसपर चिंता जाहिर की है, क्योंकि लंदन में कई परिवार अपने बच्चों को लगभग चार साल की उम्र में MMR वैक्सीन के दो शॉट नहीं दिलवाते हैं.
बता दें कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी), 9 महीने की उम्र में खसरे के टीके की सिफारिश करता है. पहली खुराक के बाद 9 माह से अधिक की उम्र के 85% बच्चे और 12 माह से अधिक की उम्र वाले 95% बच्चे सुरक्षित हो जाते हैं. हालांकि, टीकाकरण की दर घटने पर खसरा फिर से हो सकता है. इस टीकाकरण की प्रभावशीलता कई वर्षों तक प्रभावी रहती है. समय के साथ इसका कम प्रभावी होना अस्पष्ट है.