किसान की बेटी निगार शाजी की मेहनत से रचा इतिहास

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत ने विश्व के सामने चंद्रयान-3 से लेकर आदित्य एल1 मिशन की सफलता का एक स्वर्णिम इतिहास रचा है। अब भारत के आदित्य एल1 ने सूर्य के दरवाजे पर दस्तक दे दी है। धरती से करीब 15 लाख किमी दूर लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर आदित्य एल1 को स्थापित करने के पीछे एक किसान की बेटी का सबसे बड़ा योगदान है। जानें कौन हैं निगार शाजी?

एक महिला ने इसरो के सौर मिशन का नेतृत्व किया था, जिनका नाम निगार शाजी है। उन्होंने बतौर परियोजना डायरेक्टर के रूप में इस मिशन पर अपनी टीम के साथ काम किया। वह साल 1987 में इसरो से जुड़ी थीं। तमिलनाडु के तेनकासी जिले के सेनगोट्टई की रहने वाली निगार शाजी का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने ही जिले में प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने तिरुनेलवेली के एक सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मास्टर की डिग्री के लिए बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेसरा में एडमिशन लिया।

निगार शाजी के पिता एक पढ़े लिखे किसान हैं। उनके पिता भी ग्रेजुएट हैं। उन्होंने हमेशा से अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और यही वजह है कि आज वह इस मुकाम पर पहुंची हैं। इसे लेकर निगार शाजी का कहना है कि मेरे माता-पिता ने बचपन से ही मेरा सपोर्ट किया है। उनकी प्रेरणा और प्रयास से ही आज मैंने इस ऊंचाई तक पहुंचने में सफलता हासिल की है।

शाजी और उनकी टीम ने साल 2016 में सौर मिशन पर काम शुरू किया था। कोविड महामारी की वजह से साल 2020 में इसरो के सारे प्रोजेक्ट रुक गए थे, लेकिन फिर इस मिशन का कार्य जारी रहा। अंत में वो दिन आ गया, जब 2 सितंबर 2023 को आदित्य एल1 को लॉन्च किया गया था। पूरी दुनिया की नजरें सौर मिशन पर थीं। बिना किसी अड़चन और रुकावट के आदित्य एल1 सफलतापूर्वक हेलो कक्षा पर स्थापित हो गया है।

Related Articles

Back to top button