अयोध्या के रेलवे स्टेशन में विश्व स्तरीय सुविधाएं

अयोध्या मात्रा अयोध्या नहीं है बल्कि अयोध्या प्रभु श्री राम की अयोध्या है, जिसे सप्तपुरियों में प्रथम स्थान हासिल है। इस अयोध्या नगरी में 5 अगस्त 2019 को श्री राम मंदिर भूमि पूजन किया गया था। इस आयोजन के बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रामकाज किए बिना मोहे कहा विश्राम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन्हीं वचनों के कारण अयोध्या और अयोध्या से जुड़े हर व्यक्ति को उत्साह मिला। अयोध्या के सौंदर्य करण से जुड़े हुए हर व्यक्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वाक्य से खुद को जुड़ा हुआ पाया। अयोध्या वजन से संबंधित 37 विभागों की 30, 000 करोड रुपए से अधिक की 178 परियोजनाओं के जरिए एक ही लक्ष्य को साधने की कोशिश की जा रही है कि दुनिया भर में प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या अतुलनीय बने। 

इसी कड़ी में 821 एकड़ में बनी 2200 मीटर लंबी और 45 मीटर चौड़े रनवे के साथ अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम का उद्घाटन हो चुका है।  इस एयरपोर्ट के पहले चरण को 1450 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। पहले चरण में तैयार इस एयरपोर्ट में सालाना 10 लाख यात्री आ सकते हैं। अयोध्या एयरपोर्ट का निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है कि एयरपोर्ट पहुंचने पर यात्रियों को प्रभु श्री राम के राम मंदिर की झलक देखने को मिलेगी। एयरपोर्ट टर्मिनल के अंदरूनी हिस्सों को भगवान श्री राम के जीवन से प्रेरित किसी और कहानियों से दर्शाया गया है। एयरपोर्ट के अलावा अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन का उपहार भी जनता को मिला है जो अब श्रद्धालुओं और यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के लिए तैयार है।

अयोध्या के पुन: विकसित रेलवे स्टेशन में यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है। विरासत के साथ विकास के मंत्र को साकार करते हुए भारतीय रेल ने अयोध्या के इस रेलवे स्टेशन में विश्व स्तरीय सुविधाएं दी है। रेलवे स्टेशन में शिशुओं की देखभाल कक्षा से लेकर पूजा सामग्री की दुकान उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों, वृद्ध माता और बहनों के लिए खास व्यवस्थाएं की गई है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। अयोध्या रेलवे स्टेशन की एक और खासियत है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है जिसको ग्रीन स्टेशन बिल्डिंग का तमगा भी मिला है। विश्व स्तरीय सुविधाओं युक्त इस रेलवे स्टेशन के अलावा अयोध्या से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को दो अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई है। इन अमृत भारत  ट्रेनों की खासियत है कि इसके दोनों छोर पर इंजन बना है। इस ट्रेन में शानदार पिकअप है, जिससे यात्रा के समय में कमी आएगी।

अमृत भारत ट्रेन मूल रूप से स्वदेशी तकनीक से बनी है जिसमें यात्रियों को यात्रा के दौरान झटके लगने से छुटकारा मिलेगा। ट्रेन में यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा और आरामदायक सफर के दौरान कई सुविधाएं दी गई है जिसमें एलइडी लाइटिंग, सीसीटीवी, मोबाइल चार्ज फैसिलिटी शामिल है। अमृत भारत ट्रेनों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की पावन भूमि से छह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात भी दी है। यह दोनों ट्रेन मजबूत रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर जाती सुविधाओं को पहुंचने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। मल्हौर डालीगंज रेलखंड डबलिंग और विद्युतीकरण, रूमा चकेरी चंदारी की तीसरी लाइन परियोजना भी देश को समर्पित की गई है।  

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