नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) की पीठ प्रत्येक राज्य में क्यों नहीं ? 

सुप्रीमकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति के एम जोसफ़ और न्यायमूर्ति हृषिकेश राय की पीठ ने कहा है कि प्रत्येक राज्य में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT) की पीठ गठित करने से लोग पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए प्रोत्साहित होगें | साथ ही पीठ ने दुःख जताते हुए कहा कि हर मामला अंत में शीर्ष कोर्ट में ही आता है | अतः इस पर विधायिका को विचार करना चाहिए |इसपर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि शीर्ष अदालत में वैधानिक अपील का प्राविधान करना विधायिका का विशेषाधिकार है | नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनलएक्ट की धारा-3 को चुनौती देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि NGT के फैसले को सीधे सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देने का प्राविधान है | अंततः पीठ ने पूछा कि प्रत्येक राज्य में NGT की एक पीठ क्यों नहीं हो सकती | इससे शीर्ष अदालत का बोझ हल्का होगा और ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दे उठा सकेंगे |

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