फिनलैंड के साथ बिगड़ सकते हैं रिश्ते-रूसी राष्ट्रपति

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अब तक कोई समस्या नहीं थी, पर अब समस्या हो सकती है। इजराइली सेना की तरफ से दावा किया गया है कि गाजा के नीचे आतंकी संगठन हमास की लगभग 4 किलोमीटर लंबी सुरंग मिली है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सेंट्रल जेल में बंद मारे जा चुके माफिया अतीक अहमद के करीबी मोहम्मद नफीस बिरयानी को दिल का दौरा पड़ गया, जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। केरल में कालीकट यूनिवर्सिटी में अपने खिलाफ लगे काले बैनर्स के मामले में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यूनिवर्सिटी के वीसी से जवाब मांगा है। महाराष्ट्र में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रिया सिंह पर जानलेवा हमला करने के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आईएएस अफसर अनिल गायकवाड़ के बेटे अश्वजीत और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ रविवार को देश-दुनिया में कई बड़ी घटनाएं घटी हैं, जिन्होंने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि इस साल की शुरुआत में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने के बाद पड़ोसी फिनलैंड के साथ समस्या पैदा हो सकती हैं। दरअसल, फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से उत्तरी यूरोप में सुरक्षा परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आया और रूस के साथ गठबंधन की सीमा में लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी जुड़ गई। यह राष्ट्रपति पुतिन के लिए भी एक झटका था, जो लंबे समय से नाटो के विस्तार के खिलाफ चेतावनी देते रहे हैं। रविवार को एक इंटरव्यू में पुतिन ने कहा, ‘उन्होंने (पश्चिम ने) फिनलैंड को नाटो में खींच लिया! क्यों? क्या फिनलैंड के साथ हमारा कोई विवाद था? कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब होगी, क्योंकि हम अब वहां लेनिनग्राद सैन्य जिला बनाएंगे और निश्चित रूप से वहां सैन्य इकाइयों को केंद्रित करेंगे’।

चरमपंथी संगठन हमास के साथ 7 अक्टूबर से चल रहे युद्ध के बीच रविवार को इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने गाजा पट्टी में अब तक की सबसे बड़ी हमास सुरंग का पता लगाया है, जो एक प्रमुख सीमा पार से कुछ सौ मीटर की दूरी पर है। इसका आकार इतना बड़ा था कि छोटे वाहन सुरंग के भीतर यात्रा कर सकेंगे। इस बारे में एएफपी के एक फोटोग्राफर ने जानकारी साझा की है। इस जानकारी के मुताबिक सेना ने कहा कि भूमिगत मार्ग एक व्यापक शाखा नेटवर्क का हिस्सा है जो चार किलोमीटर से अधिक तक फैला हुआ है और इरेज सीमा पार से 400 मीटर (1,300 फीट) के भीतर आता है।

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