दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भी इसी आधार पर जमानत मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर वोटिंग में कुछ ही दिन बचे हैं। 25 मई को दिल्ली में वोटिंग है ऐसे में केजरीवाल जेल से बाहर आ गये हैं और उन्होंने उसी दिन से उन्होंने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। जिन चीजों को बेस बनाकर केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश की और उसके बाद उन्हें जमानत दे दी गयी अब उसी के आधार को 13 मई के दिन हेमंत सोरेन को भी जमानत मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं।
इसके अलावा आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला देने के लिए उच्च न्यायालय को निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि झारखंड उच्च न्यायालय ने 3 मई को अपना फैसला सुनाया है और सोरेन पहले ही इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे चुके हैं।
कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जनवरी में गिरफ्तार किए गए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी, जब तक कि उच्च न्यायालय गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देता।
श्री सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उच्च न्यायालय के पिछले सप्ताह के फैसले को चुनौती देने वाली 48 वर्षीय राजनेता की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) 13 मई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए आ रही है। याचिकाओं पर 13 मई को एक साथ सुनवाई होगी।
सोरेन को 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। वह फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन के विशाल पार्सल हासिल करने के लिए जाली/फर्जी दस्तावेजों की आड़ में डमी विक्रेताओं और खरीदारों को दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के माध्यम से श्री सोरेन द्वारा “अपराध की भारी मात्रा में आय” अर्जित की गई थी।