लखनऊ। विधानसभा में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के बाराबंकी सदर के विधायक धर्मराज सिंह यादव सुरेश द्वारा अध्यक्ष सतीश महाना की कार्यप्रणाली को लेकर की गई टिप्पणी पर अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। सपा सदस्य की टिप्पणी से आहत सतीश महाना ने पहले तो कड़ी आपत्ति जताई और फिर पीठ छोड़कर जाने का एलान कर दिया। उनके एलान से खलबली मच गई। सदस्यों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन नहीं रुके और सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर अपने कक्ष में चले गए। बाद में सपा सदस्यों ने उन्हें कक्ष में जाकर मनाया और पीठ संचालन के लिए तैयार किया।
दरअसल, प्रश्नकाल में सपा के इंजीनियर सचिन यादव द्वारा पूछे गए सवाल पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी जवाब दे रहे थे। उन्होंने विभिन्न जिलों में हुए निवेश का क्रमवार आंकड़ा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पहली बार हर जिले में इंवेस्टर्स समिट कराई गई है। हर जिले में निवेश आया है। सरकार ने 33.5 लाख करोड़ के 19250 से ज्यादा एमओयू कराए हैं। इंजीनियर सचिव यादव ने जानना चाहा कि मंत्री बताएं कि हर जिले में कितने युवाओं को रोजगार मिले हैं और कितने नए निवेश आए हैं और कितने निवेशकों ने अपने पुराने उद्योग में आगे निवेश किया है।
इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने शोर मचा रहे सपा सदस्यों को शांति करने के निर्देश दिए लेकिन वे शोर मचाते रहे। इसी बीच धर्मराज सिंह यादव ने अपने स्थान से खड़े होकर मंत्री पर आरोप लगाने शुरू किए। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अपने स्थान पर बैठ जाएं लेकिन धर्मराज यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय विपक्ष को बोलने नहीं देते हैं।
इस आरोप पर सतीश महाना बेहद नाराज़ हो गए। उन्होंने कहा कि मैं यह आरोप सुनने के लिए कतई तैयार नहीं हूं। अगर ऐसा है तो मैं पीठ से हट जाता हूं और उन्होंने भाजपा के एक सदस्य को पुकारते हुए पीठ से संचालन करने को कहकर उठ कर जाने लगे। सपा सदस्यों ने उनकी मान-मनौव्वल की तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की और अपने कक्ष में चले गए।
बाद में सपा सदस्य उनके पीछे-पीछे गए और उन्हें कक्ष में मनाया। बाद में सपा के वरिष्ठ सदस्य अवधेश प्रसाद ने कहा कि आपने तो उत्तर प्रदेश विधानसभा की गरिमा पूरे देश में बढ़ाई है। आपका तो समाज देश-दुनिया में इतना सम्मान है जितना सरकार का भी नहीं है। इस पर सदन में ठहाके गूंज उठे। बाद में सपा सदस्य अध्यक्ष सतीश महाना से अपील करते रहे कि कृपया मुस्कुरा दीजिए..। बाद में अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही संचालित की।