
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार जम्मू-कश्मीर हुंच रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर बाद यह दौरा केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि विकास और कनेक्टिविटी भी नया अध्याय लिखने जा रहा है। पीएम मोदी यहां कुल 46 हजार करोड़ की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने जा रहे हैं। पीएम मोदी चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज और देश के पहले केबल-स्टे अंजी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर एक नए युग की शुरुआत करेंगे।
प्रधानमंत्री सुबह 11 बजे चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह पुल एफिल टावर से भी ऊंचा है और इसे भारत की इंजीनियरिंग ताकत का प्रतीक माना जा रहा है। इसे बनाने में करीब 1500 करोड़ की लागत आई है। इसके बाद वे देश के पहले केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी रेल ब्रिज की शुरुआत करेंगे। दोपहर 12 बजे के करीब पीएम मोदी कटरा से श्रीनगर के लिए दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे।
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक परियोजना की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है और इसकी लागत लगभग ₹43,780 करोड़ रुपये है। इसमें 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं. यह परियोजना रणनीतिक दृष्टि से अहम है क्योंकि इससे न केवल स्थानीय लोगों को सुविधा मिलेगी, बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज़ से भी कनेक्टिविटी मजबूत होगी। USBRL परियोजना की शुरुआत 1997 में हुई थी, लेकिन भूगर्भीय और भौगोलिक कठिनाइयों के कारण यह कई बार अटकती रही।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 272 किमी लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के पूर्ण होने में प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति और तकनीकी टीमों को दिए गए समर्थन की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा, “2004 से 2014 तक केवल समतल हिस्सों में ट्रैक बिछाया गया, लेकिन कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में काम नहीं हुआ। पीएम मोदी के नेतृत्व में यह असंभव सपना आज हकीकत बन गया है।
USBRL प्रोजेक्ट के तहत साल 2009 में काजीगुंड-बारामूला सेक्शन शुरू हो गया था। वर्ष 2013 में 18 किलोमीटर बनिहाल-काजीगुंड सेक्शन शुरू हुआ। वर्ष 2014 में 25 किलोमीटर ऊधमपुर-कटरा, वर्ष 2023 में बनिहाल से संगलदान शुरू हुआ था और अब संगलदान से कटरा के बीच रेल का सफर शुरू होने वाला है।
रेल मंत्री के अनुसार, चिनाब नदी पर बना 1.3 किमी लंबा रेलवे पुल 359 मीटर ऊंचा है, जो पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है। यह पुल 260 किमी प्रति घंटे की हवा और भूकंपीय ज़ोन-V में भी स्थिर रह सकता है। इसके निर्माण में 30,000 टन स्टील और आधे फुटबॉल मैदान जितनी चौड़ी नींव का उपयोग किया गया है।
वहीं अंजी ब्रिज देश का पहला ऐसा रेलवे ब्रिज है जिसमें केबल-स्टे तकनीक का उपयोग हुआ है। आमतौर पर इस तकनीक का इस्तेमाल हाइवे पर होता है, लेकिन यहां 4,000 टन तक के ट्रेन भार को झेलने के लिए इसे खासतौर पर डिज़ाइन किया गया है।
वंदे भारत ट्रेन सेवा 7 जून से आम यात्रियों के लिए शुरू होगी ये ट्रेनें कटरा और श्रीनगर के बीच दिन में चार फेरे लगाएंगी। फिलहाल इनका एकमात्र स्टॉप बनिहाल में होगा। इसमें चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास दोनों श्रेणियों की सुविधा होगी, और यात्रियों को शाकाहारी भोजन के साथ कुछ स्थानीय व्यंजन भी परोसे जाएंगे।