महाकुंभ में होगी स्वच्छ सुजल गांव की तस्वीर

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के स्वच्छ सुजल गांव की नई तस्वीर दुनिया के सामने आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांवों में हुए ऐतिहासिक बदलाव को प्रदर्शित करने का यह अनूठा प्रयास है। इस महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले 40-45 करोड़ श्रद्धालु इस स्वच्छ सुजल गांव का दर्शन करेंगे, जो ग्रामीण विकास और जल संरक्षण की प्रेरणादायक कहानी पेश करेगा।

2017 से पहले बुंदेलखंड के कई गांव पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। पानी की कमी के कारण यहां शादियां तक प्रभावित होती थीं और महिलाओं को पानी ढोने में अपना अधिकांश समय लगाना पड़ता था। इससे कई महिलाओं के सिर से बाल तक गायब हो गए थे। लेकिन जल जीवन मिशन और नमामि गंगे अभियान ने इन गांवों की तस्वीर बदल दी। इस बदलाव को “स्वच्छ सुजल गांव” के माध्यम से महाकुंभ में प्रदर्शित किया जाएगा।

महाकुंभ 2025 के दौरान 10 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में स्वच्छ सुजल गांव 40 हजार स्क्वायर फीट के क्षेत्र में बसाया जाएगा। पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान थीम पर आधारित इस गांव में ग्रामीण विकास के साथ-साथ जल संरक्षण की उपयोगिता पर जोर दिया जाएगा। यहां अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं अपनी प्रेरणादायक कहानियां साझा करेंगी।

गांव में जल मंदिर नामक एक विशेष स्थल बनाया जाएगा, जहां भगवान शिव की जटा से गंगा के धरती पर अवतरण को प्रतीकात्मक रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। जल मंदिर का उद्देश्य जल के महत्व और उसके संरक्षण के संदेश को फैलाना है। यहां सुबह और शाम को जल आरती का आयोजन होगा, जिसमें जल जीवन मिशन और जल संरक्षण की गाथा सुनाई जाएगी।

स्वच्छ सुजल गांव में डिजिटल स्क्रीन और गेमिंग ज़ोन स्थापित किए जाएंगे। आगंतुक यहां खेल-खेल में स्वच्छ जल के लाभ और दूषित जल के दुष्प्रभावों के बारे में जान सकेंगे। डिजिटल कॉर्नर के माध्यम से ग्रामीण अपने गांव में जलापूर्ति और टैप कनेक्शन की स्थिति को भी देख सकेंगे।

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग स्वच्छ सुजल गांव में आने वाले अतिथियों का स्वागत “अतिथि देवो भवः” की परंपरा के तहत करेगा। आगंतुकों को जूट और कपड़े से बने बैग में “जल प्रसाद” दिया जाएगा। इसमें संगम का पवित्र जल, जल जीवन मिशन से जुड़ी सामग्री, और सफलता की कहानियां शामिल होंगी।

महाकुंभ के दौरान 47 दिनों तक “स्वच्छ सुजल गांव” में विविध गतिविधियां और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। ये आयोजन जल जीवन मिशन की उपलब्धियों और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास की कहानी को जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगे। “स्वच्छ सुजल गांव” न केवल उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास और जल संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को उजागर करेगा, बल्कि यह महाकुंभ 2025 के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को भी और समृद्ध बनाएगा।

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