
हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। यह दिन सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है, ताकि समाज में सभी लोगों को समान अवसर, अधिकार और सम्मान मिल सके। संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में इस दिन को मनाने की घोषणा की थी, ताकि दुनिया भर में सामाजिक न्याय, समानता, और समावेशिता को बढ़ावा दिया जा सके। इस दिन का मुख्य उद्देश्य निर्धनता, भेदभाव, और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना है।
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों के बीच समानता और न्याय को बढ़ावा देना है। इस दिन सामाजिक असमानता, भेदवाद, बेरोजगारी और मानवाधिकारों के हनन जैसे मुद्दों को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाई जाती है। क्योंकि असल में कोई देश तब विकास करता है, जब उसके नागरिकों को एक समान अधिक प्राप्त होते हैं। ऐसे में इस दिन का मकसद लोगों को समान अवसर प्रदान किया जाना है। जिससे कि नागरिक सामाजिक और आर्थिक उन्नति कर सकें।
इस दिन दुनियाभर में सामाजिक न्याय, एकजुटता और संसाधनों के समान वितरण को बढ़ावा के प्रयास को मजबूत करने के लिए इस दिन को मनाए जाने का फैसला लिया गया। साल 2009 में पहली बार विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया था। यह दिन गरीबी, असमान व्यवहार और बेराजगारी कम की जरूरतों को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।
बता दें कि साल 2025 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस की थीम ‘सशक्तीकरण समावेशन: सामाजिक न्याय के लिए अंतर को कम करना’ रखी गई है। इस साल की थीम लोगों को समान अवसर दिए जाने के बारे में हैं। फिर चाहे उनका कोई भी बैकग्राउंड हो।