
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। फतेहपुर की घटना को लेकर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने जोरदार विरोध किया। सदन की कार्यवाही के दौरान सपा विधायकों ने वॉकआउट किया और फिर वापस आकर बेल में पहुंच गए। अध्यक्ष सतीश महाना की समझाइश के बावजूद विपक्ष के सदस्य नहीं माने। लगातार बढ़ते हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। सुबह से ही फतेहपुर की घटना को लेकर विपक्ष का तेवर गरम था। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार घटना को गंभीरता से नहीं ले रही और दोषियों पर कार्रवाई में ढिलाई बरत रही है।
सदन की कार्यवाही के दौरान जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, सपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन की कार्यवाही बाधित की। वॉकआउट के बाद जब वे वापस लौटे तो सीधे बेल में आ गए और नारेबाजी जारी रखी। हंगामे के बीच आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी पर कड़ा प्रहार किया।
उन्होंने कहा जहां भी दंगा होता है, बवाल होता है, उसमें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल पाए जाते हैं। अब अगर किसी एक का निष्कासन करके फेस सेविंग करने की कोशिश की जा रही है तो जनता सब समझ रही है। उन्होंने साफ किया कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आबकारी मंत्री ने कहा कि अध्यक्ष ने विपक्ष से कई बार अपील की कि सरकार जवाब देना चाहती है, लेकिन विपक्ष ने सदन चलाने में रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने बताया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब संसदीय कार्य मंत्री ने और नेता प्रतिपक्ष को भी दिया गया। नितिन अग्रवाल के के मुताबिक, फतेहपुर की घटना में जो भी लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और पुलिस जांच कर रही है।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विपक्ष के कहने पर हम कोई एफआईआर कर दें, किसी का नाम जोड़ दें, यह संभव नहीं है। जो भी कार्रवाई होगी, वह कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी। उन्होंने दोहराया कि योगी सरकार में किसी भी व्यक्ति को कानून-व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा हो।