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जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया, वहां भारत पहुंचा : मोदी

वारसॉ। भारत ने लक्ष्य तय किया है, भारत 2047 तक खुद को विकसित बनाने का संकल्प लेकर चल पड़ा है। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी तो है ही इसके साथ ही भारत पार्टिशिपेटिव और वाइब्रेंट डेमोक्रेसी भी है। भारत के लोगों का डेमोक्रेसी पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो देशों के दौरे की शुरुआत करते हुए पोलैंड पहुंचे, इस दौरान वह यूक्रेन की राजधानी कीव भी जाएंगे। यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान, मोदी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, और शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने पोलैंड में अपने संबोधन में कहा कि आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। सबकी अलग-अलग भाषाएं हैं, बोलियां हैं, खान-पान है, लेकिन आप सभी भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं। आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है, मैं आप सभी का, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं।

भारत को विश्व बंधु के रूप में मिल रहा सम्मान

भारत, बुद्ध की विरासत वाली धरती है,  जो युद्ध नहीं, शांति पर विश्वास करती है। इसलिए, भारत इस रीजन में भी स्थाई शांति का एक बड़ा पैरोकार है। भारत का मत एकदम साफ है, ये युद्ध का युग नहीं है। भारत का विसडम ग्लोबल है, जिन ग्लोबल है, हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। भारत का कल्चर ग्लोबल है, केयर और कम्पैशन ग्लोबल है, हमने पूरी दुनिया को एक परिवार माना है और यही आज के भारत की नीति और निर्णयों में नजर आता है। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है।  हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है।

2047 तक खुद को विकसित बनाने का संकल्प 

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही आप लोगों ने यहां आजादी का उत्सव मनाया है। आजादी के आंदोलन के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समृद्ध भारत का सपना देखा था, आज हर भारतीय उस सपने को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। भारत ने लक्ष्य तय किया है, भारत 2047 तक खुद को विकसित बनाने का संकल्प लेकर चल पड़ा है। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी तो है ही इसके साथ ही भारत पार्टिशिपेटिव और वाइब्रेंट डेमोक्रेसी भी है। भारत के लोगों का डेमोक्रेसी पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था।

दुनिया के किसी भी देश में संकट आए, भारत मदद करने वाला पहला देश 

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारतीयों की एक पहचान empathy भी है। दुनिया के किसी भी देश में संकट आए, भारत पहला देश होता है, जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। कोविड आया, तो भारत ने कहा- Humanity first. हमने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और वैक्सीन भेजी। दुनिया में कहीं भी भूकंप आता है, कोई आपदा आती है, भारत का एक ही मंत्र है- Humanity first. कहीं युद्ध हो, तो भारत कहता है- Humanity first और इसी भाव से भारत, दुनियाभर के नागरिकों की मदद करता है।

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