
मथुरा। पिछले कुछ समय से प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा पर चल रहा विवाद अब आखिरकार थमता हुआ नजर आ रहा है। पिछले दिनों वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा पर एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों ने विरोध किया था। रात 2 बजे निकलने वाली इस पदयात्रा पर आपत्ति जताने वाले लोगों ने अब प्रेमानंद महाराज से माफी मांगी है, जिसके बाद बाबा के भक्तों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
प्रेमानंद महाराज अपने भक्तों से एक विशेष लगाव और अपनेपन के लिए जाने जाते हैं। भक्तों से जुड़ाव के लिए प्रेमानंद महाराज की वृंदावन में रोजाना रात 2 बजे पदयात्रा निकाली जाती है। इस रात्रिकालीन निकलने वाली इस पदयात्रा के दौरान संगीत भी बजाया जाता है, जिसे लेकर काफी लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी। विशेषकर एनआरआई ग्रीन सोसायटी में रहने वाले लोगों ने प्रेमानंद महाराज की इस रात्रिकालीन पदयात्रा का कड़ा विरोध जताया था। सोसायटी के लोगों का कहना था कि प्रेमानंद महाराज की यात्रा में भक्तिमय गाने बजाने के साथ पटाखे भी जलाए जाते हैं, जिससे कि रात में शांति भंग होती है। दूसरी तरफ एक खबर के मुताबिक प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा में एक भक्त ने सोसायटी के किसी घर के चबूतरे पर पटाखे जलाए थे, जिसका विरोध तुंरत ही प्रेमानंद महाराज और यात्रा में साथ चल रहे अन्य भक्तों ने किया था।
पटाखे और शोर-शराबे की इस घटना के बाद कुछ यूट्यूबर्स ने इस पदयात्रा पर सवाल उठाया था। जिसके बाद एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों ने भी प्रेमानंद महाराज की इस यात्रा के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए इस पदयात्रा को बंद कराने की मांग की थी। वहीं, दूसरी तरह प्रेमानंद महाराज का विरोध होने पर उनके भक्त भी एनआरआई सोसायटी के लोगों की इस मांग का विरोध करने लगे थे। मामले को बढ़ता देखकर प्रेमानंद महाराज ने बिना कुछ कहे, अपनी पदयात्रा का रूट बदल दिया था। खबर के मुताबिक इस मामले के कारण वृंदावन में अशांति का माहौल बन गया था।
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का रूट बदलने के बाद भी इसे पूरी तरह से बंद कराने की मांग उठ रही थी लेकिन अब मिली जानकारी के मुताबिक एनआरआई ग्रीन सोसायटी के अध्ययक्ष ने प्रेमानंद महाराज से माफी मांगी है। सोसायटी के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हुए अध्यक्ष ने इस पूरे विरोध पर पछतावा जताते हुए कहा है कि उन्होंने कुछ यूट्यूबर्स के बहकावे में आकर यह कदम उठाया था लेकिन जब प्रेमानंद महाराज ने विनम्रता दिखाते हुए अपनी पदयात्रा का रास्ता बदल लिया, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। एनआरआई ग्रीन सोसायटी के अध्यक्ष ने खुद प्रेमानंद महाराज से मिलकर इस पूरी घटना पर खेद जताया।