पंजाब और हरियाणा में वॉटर वॉर गहराया

नई दिल्‍ली। पंजाब सरकार की तरफ से भाखड़ा नहर का पानी रोकने से उपजे विवाद के बीच अब हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा है कि हम अपने पानी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आज ही याचिका दाखिल करेंगे क्योंकि आगे छुट्टियां हैं, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस पर फैसला हो जाए।

दूसरी तरफ, इस मसले पर आज दिल्ली में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव के साथ मीटिंग हुई। इस मीटिंग में पानी देने को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। मीटिंग में पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग करता रहा।

दिल्ली में ही एक और मीटिंग केंद्रीय गृह मंत्रालय की अगुवाई में हुई, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। केंद्रीय गृह सचिव ने पानी की जरूरत के मद्देनजर हरियाणा को बीबीएमबी के पास तर्क पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में वजन हुआ, तो हरियाणा बिना शर्त के जरूरत के मुताबिक पंजाब से उधार पानी ले लेगा और पंजाब को जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना पड़ेगा।

दिल्ली में ही एक और मीटिंग केंद्रीय गृह मंत्रालय की अगुवाई में हुई, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। केंद्रीय गृह सचिव ने पानी की जरूरत के मद्देनजर हरियाणा को बीबीएमबी के पास तर्क पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में वजन हुआ, तो हरियाणा बिना शर्त के जरूरत के मुताबिक पंजाब से उधार पानी ले लेगा और पंजाब को जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना पड़ेगा।

वहीं, आज चण्डीगढ़ में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी दलों ने सरकार का साथ दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग में सभी दलों ने सरकार का साथ देने की हामी भरी है। वे सभी राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब सरकार के फैसले के हक में हैं। ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव आया है। सोमवार को विधानसभा के स्पेशल सेशन में इस पर चर्चा होगी।

भगवंत मान ने आरोप लगाया कि पंजाब के पानी को एक फरमान से हरियाणा को देने का फैसला लिया गया।अधिकारियों को बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। मान ने कहा कि सोमवार को 12 बजे विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। इसके लिए गवर्नर की मंजूरी मिल गई है। सीएम ने कहा कि प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है।

पंजाब में भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि हमारे पास एक भी बूंद पानी पिने को नहीं है। पहले मानवता के आधार पर हम हरियाणा को 4 हजार क्यूसिक पानी दे रहे हैं, जिस पर किसी भी पार्टी ने सवाल नहीं उठाया। मगर, पंजाबी जबरदस्ती नहीं बर्दाश्त करते। मैं और मेरी पार्टी पंजाब के साथ खड़े हैं। आज पड़ोसी मुल्क तो हमें पहले ही बांटने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में इस मामले को निपटाया जाना चाहिए। जिस मुद्दे पर मीटिंग बुलाई गई थी, यह मामला राई को पहाड़ बनाने जैसा है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मामले में उचित फैसला लेना चाहिए।

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